स्वतंत्र समय, इंदौर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गरीब जनता के बिजली बिल भरने की घोषणा के बाद मप्र शासन के ऊर्जा विभाग ने 01 सितंबर 2023 को आदेश जारी दिया। बेईमानी यहीं से शुरू हो गई बिल माफी की बजाए 1 किलोवॉट तक के सभी उपभोक्ताओं के बिलों की राशि को टेंपरेरी तौर से स्थगित (यानि स्थगित ) कर दिया। एक फूटी कौड़ी का बिल माफ नहीं किया और एक उपभोक्ता का एक पैसे का बिल माफ नहीं हुआ। यह खुलासा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ,चरण सिंह सपरा ने अपनी सयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान किया। उन्होंने मीडिया को बताया कि मप्र के मुख्यमंत्री ने अगस्त माह में बुंदेलखंड के नौगांव में एक कार्यक्रम में जनता से कहा कि “मुझे बताया गया है कि बिजली के बिल बहुत ज्यादा आ रहे हैं और जनता से पूछा तो जनता ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हां, बहुत ज्यादा आ रहे हैं। तब शिवराज ने मंच से घोषणा की कि मैं गरीब जनता के जिनके कनेक्शन एक किलोवॉट तक के हैं, उनके बिजली के बिल छोड़ता हूं और समीक्षा करके बढ़े हुए बिल मैं भरूंगा अर्थात शिवराज सरकार भरेगी। यहीं से धोखा शुरू हुआ।
बिना सूचना भार बढ़ाया
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीन 21 जिलों के 38 डिवीजन के डेटा का जब अध्ययन किया तो यह पाया कि 3,85,953 उपभोक्ताओं को बगैर सूचित किए उनके भार की वृद्धि कर 2 किलोवॉट कर दिया गया। इन सभी 3,85,953 उपभोक्ताओं के ओरिजनल लोड व बढ़े हुए लोड की प्रतिलिपि एक पेन ड्राइव में हम आपको दे रहे हैं।
यह है असल नियम
संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि भाजपा सरकार का यह कृत्य मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की प्रक्रिया के खिलाफ है, जिसकी कंडिका 7.3, 7.4 और 7.17 में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि उपभोक्ता द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन दिया जाएगा। मप्र विद्युत नियामक आयोग विनियम में विनिर्दिष्ट पंजीकरण शुल्क की राशि के साथ जमा की जाएगी और उपभोक्ता की मौजूदगी में मूल्यांकन कर ही भार वृद्धि की जाएगी।
आंकलित खपत होगी 300 यूनिट, लगेगी चपत
बिजली विभाग द्वारा प्रति किलोवॉट पर 150 यूनिट बिजली की खपत का आकलन किया गया है। यानि अगर गरीब उपभोक्ताओं का लोड 2 किलोवॉट कर दिया गया, तो उसकी आकलित खपत भी 300 यूनिट हो जाएगी। अर्थात् चोर रास्ते से जेब पर डाका ।
कमलनाथ सरकार की घोषणा से 87 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली थी
शिवराजसिंह चौहान के 5 अगस्त 2023 को नौगांव में दिए गए इस बयान ने कि गरीबों के बिजली के बिल बहुत आ रहे हैं, खुद अपनी सरकार को बेनकाब कर दिया। याद रहे कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार “इंदिरा गृह ज्योति योजना” लेकर आई थी, जिसके तहत 150 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पहली 100 यूनिट पर मात्र एक रुपए यूनिट बिजली का बिल देना होता था। इस योजना के दायरे में आए थे तथा 87 लाख उपभोक्ताओं के बिजली का बिल 100 रुपए से कम आता था।
कांग्रेस ने यह घोषणा की
अब कांग्रेस ने वचन दिया है कि 100 यूनिट तक खपत करने वाले प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का कोई बिल नहीं चुकाना होगा, साथ ही 200 यूनिट तक के उपभोक्ताओं का बिजली बिल हाफ हो जायेगा तथा 05 हॉर्स पॉवर तक की मोटर उपयोग करने वाले किसानों को बिजली का कोई बिल नहीं देना होगा। इस प्रेसवार्ता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा, गोलू अग्निहोत्री, सच सलूजा, नीलाभ शुक्ला, अमीनुल खान सूरी, संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया , विवेक खंडेलवाल, अनूप शुक्ला, आनंद जैन कासलीवाल आदि उपस्थित थे।
1 की बजाय 2 किलोवॉट किया
लांबा ने बताया कि षड्यंत्र के तहत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों अर्थात पूर्व क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों ने एक किलोवॉट के लगभग 80 से 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं के भार को 2 किलोवॉट कर दिया। ऐसे तकरीबन 18-20 लाख उपभोक्ता हैं। यह इसलिए किया ताकि शिवराजसिंह द्वारा टेंपरेरी बिल स्थगन करने का लाभ भी गरीब परिवारों को न मिल सके।