स्वतंत्र समय, इंदौर
स्मार्ट सिटी में धीमी गति के निर्माण और सडक़ के काम ने आर्थिक राजधानी के व्यापारियों के धीरज का बांध तोडऩा शुरू कर दिया है। राजबाड़ा से मरीमाता चौराहे तक सडक़ चौड़ीकरण का काम करीब दो साल से चल रहा है। ऐसे में यहां के कामकाज का असर व्यापारियों पर पडऩे लगा है। इमली बाजार से राजबाड़ा तक की महज 400 मीटर की सडक़ में ही लोगों को दादी-नानी याद आ गई है। वहीं बक्षीबाग तो लंबे समय से खुदा पड़ा है और लोग इधर जाने से भी तौबा करने लगे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परीक्षा व्यापारी वर्ग की हो रही है। यहां लंबे समय से चल रही खुदाई ने काम काज पर असर डाला है। बताया जा रहा है कि खुदाई के चलते कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें खाली कर दी हैं। ऐसे में मकान मालिकों को भी नुकसान हो रहा है। धीमे निर्माण के चलते लोगों को भी आवागमन में रोज परेशानी हो रही है। वहीं सुभाष मार्ग की सडक़ से गुजरना दिन-ब-दिन मुश्किल हो रहा है।
सुभाष मार्ग से गुजरना अग्निपरीक्षा जैसा
सुभाष मार्ग पर शाम को पीकअवर्स में जमकर जाम लग रहा है और व्यापारी यहां भी परेशान हैं। शाम के समय तो यहां इमली बाजार चौराहे से निकलना दूभर हो रहा है। वाहन चालक अपने तजुर्बे से बताते हैं कि इससे बेहतर तो जवाहर मार्ग है, जहां रेंगते हुए ही पर निकल तो जाते हैं। सुभाष मार्ग पर तो ट्रैफिक कई दफा मिनटों ब्लॉक ही हो जाता है।
छह महीने से जबरन कॉलोनी में चल रहा काम
इन प्रोजेक्ट्स की मंथर गति से अब रहवासियों के साथ व्यापारी वर्ग पीडि़त है। जबरन कॉलोनी में करीब छह महीने से चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है। चुनाव में इसकी गति बढऩे की बजाय और धीमी हो गई। यहां पर टायर का काम करने वाले व्यापारी ने बताया कि सडक़ की खुदाई से काम-धंधे पर फर्क पड़ रहा है। रेस्टोरेंट वालों की भी आफत हो रही है क्योंकि धूल की वजह से खान-पान की सामग्री दूषित हो रही है। वहीं ग्राहकों को पार्किंग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
आड़ा बाजार खोदकर छोड़ा तो दो पहिया वाहन चालकों की शामत
आड़ा बाजार में एक हफ्ते से जारी खुदाई के काम के बीच अब गुरुद्वारे से सटे चौराहे वाले हिस्से को एक ओर से खोला गया है। इसके पहले यह पूरी तरह ब्लॉक कर दिया गया था। करीब डेढ़ मीटर का संकरा व उबड़-खाबड़ हिस्सा खुला छोड़ा गया है और यहां से किसी तरह दोपहिया वाहन चालक व राहगीर गुजर रहे हैं। इस तरह दोनों ही हादसे के अंदेशे से गुजर रहे हैं। इधर आड़ा बाजार भी शहर का व्यावसायिक इलाका है और व्यापारी वर्ग यहां की जा रही बार-बार की खुदाई से आजिज आ चुका है। वहीं करीब दो साल पहले आड़ा बाजार से पंढरीनाथ तक नई सडक़ बनने का प्रस्ताव बना था लेकिन अब यह धूल खा रहा है।
हादसों की वजह भी बन रही खुदाई
स्मार्ट शहर में खुदाई की वजह से वाहन चालकों व राहगीरों को हादसे का शिकार भी होना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि खजूरी बाजार चौराहे पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत खोदे गए एक गड्डे में एक महिला गिर गई थी। आसपास के लोगों ने उसे किसी तरह बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया था। इस तरह खुदाई हादसों की वजह बन रही है और महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की ज्यादा आफत हो गई है।
काम की गति बढ़ाई जाए
व्यापारी अमित जैन, संजय चौरसिया आदि ने कहा कि कई बार काम बीच में ही रोक दिया जाता है। इससे कामकाज चलता ही नहीं। वहीं गड्डे खोदने के बाद कई-कई दिन तक काम बंद रहता है। कंपनी बार-बार दावा करती है कि काम की गति बढ़ाई जाएगी लेकिन होता कुछ नहीं है। ऐसे में हमारे रोजगार पर बुरा असर पड़ रहा है। ग्राहकों के लिए यहां रुकने और ठहरने की जगह ही नहीं है।
दो हिस्सों में काम हो रहा, जाम से हो रहे दो-चार
मरीमाता से राजबारा तक सडक़ का काम दो चरणों में किया जा रहा है। निगम का लोक निर्माण विभाग मरीमाता चौक से इमली बाजार तक संचालन कर रहा है। इस सडक़ को 60 फीट चौड़ा बनाया जाएगा। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इमली बाजार से राजबाड़ा तक कार्य किया जा रहा है। यह इलाका राजबाड़ा से सटा हुआ है। राजबाड़ा शहर का सबसे व्यस्त इलाका है। यहां रोजाना करीब एक लाख वाहनों की आवाजाही है। इस सडक़ पर लोडिंग वाहनों के साथ ही ऑटो रिक्शा से अकसर जाम लग जाता है।
पीथमपुर में खुदाई रोकने की मांग की थी
दो महीने पहले पीथमपुर में सर्विस रोड का काम त्योहारी सीजन में शुरू किया गया था। इस दौरान क्षेत्र के कपड़ा व्यापारी रमेश बिरला, कोमल कलेक्शन दीपक चौधरी, यू, पी,फूटवियर व्यापारी लखन, राधे कलेक्शन राजेश पटेल, सत्यम कलेक्शन ने कहा था कि शहर के एक हिस्से में आने के लिए एकमात्र सडक़ थी जिसे नगर पालिका की ओर से बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा था कि वे शहर का विकास चाहते हैं लेकिन त्योहारों के पहले ये रास्ते बंद कर धंधे की कमर तोड़ी जा रही है।