भगवान शंकर को बेहद प्रिय है शमी का पौधा, इस दिन घर में लगाने से आती हैं सुख-समृद्धि, मिट जाते हैं सभी संकट

Shami Plant Upay: हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुरूप ऐसा कहा गया हैं कि सभी देवी देवताओं समेत वृक्ष और पौधे भी अति पूज्यनीय है। जैसा कि सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म ऐसे ही पूज्यनीय नहीं माना जाता है। वहीं आप को शायद यह ज्ञात न हो लेकिन हिंदू धार्मिक मान्यताओं में पेड़ पौधों को भी ईश्वर तुल्य समझा जाता है। वहीं शमी के पौधे की पत्तियों को प्रदोष व्रत वाले दिन यानी की कल भगवान शंकर की शिवलिंग पर चढ़ना बेहद ज्यादा शुभ माना गया हैं।

जी हां, आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं। शमी के वृक्ष का नाम तो आज के समय में सभी ने सुना हुआ हैं। इस वृक्ष को घर के आंगन में लगाने एवं इसकी पूजा करने से शनि दोष समेत सारे ग्रहों के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। इसी के साथ यह प्रभु श्री राम का भी अत्यंत प्रिय वृक्ष माना गया है। वहीं जगत पिता शंकर को भी यह शिवलिंग पर शहद डाल कर चढ़ाया जाता है। चलिए जानते हैं शमी का वृक्ष लगाने से और उसकी पूजा अर्चना करने से क्या फायदा होता है।

शमी के वृक्ष का अर्थ और महत्व

  • शमी शमयते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी ।
  • अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी ॥

     

  • करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया ।

     

  • तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता ॥

वहीं हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि शमी का वृक्ष दोषों और कष्टों का सर्वनाश करने वाला वृक्ष और सफलता का वर प्रदान कराने वाला वृक्ष माना जाता है। जहां अर्जुन के धनुष को इस वृक्ष ने धारण किया, वहीं शमी का विशाल वृक्ष प्रभु राम को अनंत प्रिय है। रावण से युद्ध के पूर्व भगवान श्री राम ने शमी के पौधे की आराधना की थी और विजय का वर प्राप्त किया था।

शमी के वृक्ष से संबंधित ये 5 बड़े लाभ

वहीं हिंदू सनातन धर्म में शमी के वृक्ष को काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। जिस भांति तुलसी का पेड़ पवित्र होता है उसी प्रकार शमी का वृक्ष भी पूज्यनीय होता है। शमी के वृक्ष में न्याय के देवता शनि देव का निवास माना जाता है। इसलिए शनि वाले दिन वृक्ष की आराधना करने से शनि देव के समस्त दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।

जैसा की आप जानते हैं शमी के वृक्ष की पूजा भगवान राम ने भी स्वयं की थी और रावण से युद्ध लड़ कर विजय प्राप्त की। इसलिए शमी के पेड़ की पूजा का हिंदू धर्म में महत्व और भी अधिक हो जाता है। इसकी पूजा करने से जीवन में हर मार्ग पर सफलता के साथ ही साथ विजय का वरदान भी मिलता है।

अगर आप पर भी शनि की ढैय्या चल रही है और आप शनि पीड़ा से चिंतित हैं तो शनिवार के दिन शमी का वृक्ष लगाना अत्यंत शुभ मान जाता है। इसका वृक्ष सदैव घर के दक्षिण दिशा की तरफ ही रखना चाहिए।

अगर आपके जीवन में शनि का कोई कष्ट उत्पन्न है तो उनका दुख आपसे सहा नहीं जा रहा है तो प्रति शनिवार के दिन आपको सूर्य के अस्त होने के बाद शमी के पेड़ के समक्ष एक दीप प्रज्वलित कर हाथ जोड़ कर उनसे अच्छे भविष्य की कामना करना चाहिए।

यहां शमी के वृक्ष के पत्ते भगवान शंकर की शिवलिंग पर अर्पित करना भी श्रेस्कर माना जाता है और शनि के आराध्य गुरु भगवान शंकर हैं। इस कायदे से अगर आप शनिवार के दिन शमी के वृक्ष की पत्तियां शिवलिंग पर समर्पित करते हैं तो अपने गुरु के प्रति न्योछावर रहने से शनिदेव का प्रकोप काफी हद तक कम होता हैं।