स्वतंत्र समय, भोपाल
पंडोखर सरकार ने एक प्रादेशिक चैनल को दिए इंटरव्यू में इशारा किया है कि प्रदेश में सत्ता बनाने में 2018 जैसा नजदीकी मुकाबला बन रहा है। उनके इस दावे का अंदाजा लगाया जाए तो कांग्रेस सरकार बनाने में आगे आ रही है, लेकिन वे यह कहने से भी नहीं चूक रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस दोनों में कड़ी टक्कर है, लेकिन इस बार शिवराजसिंह चौहान को लाड़ली बहना योजना का फायदा जरूर मिलेगा।
वे यह भी कह रहे हैं कि 2020 और 2021 जैसी स्थितियां भी बन रही हैं, जब सत्ता परिवर्तन हुआ था, साथ ही वे आने वाले पांच सालों में प्रदेश को 3-3 मुख्यमंत्री मिलने की बात भी कर रहे हंै। 2018 जैसी स्थिति अगर बनती है तो कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा सीटें मिलेंगी और वह सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। चैनल को दिए इंटरव्यू में पंडोखर सरकार ने कहा कि मैं ज्योतिष नहीं हूं, लेकिन जो देखता हूं, वह बता देता हूं और फिलहाल यही दिख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता का परिवर्तन कांग्रेस के प्रति हुआ है, पर वह अभी उन्हें रूकता-सा दिखाई दे रहा है। 11 नवम्बर के बाद स्थिति बदली है। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता का संकेत भी उन्हें नजर आ रहा है। वैसे जो भी हो पंडोखर सरकार ने अपनी दृष्टि से जो देखा वह चैनल के सामने कहा, लेकिन वास्तविक स्थिति तो 3 दिसम्बर की शाम तक ही साफ हो पाएगी। जब पूरे प्रदेश के चुनाव परिणाम स्पष्ट होना शुरू हो जाएंगे।
पांच साल में तीन मुख्यमंत्री देखना पड़ सकते हैं
पंडोखर सरकार ने तो यह भी दावा कर दिया कि इन पांच सालों में प्रदेश को तीन-तीन मुख्यमंत्री देखना पड़ेंगे। पिछले पांच साल में प्रदेश को दो मुख्यमंत्री देखना पड़े थे, जब कमलनाथ सरकार गिर गई थी और सूबे के मुखिया शिवराजसिंह चौहान बने थे। उन्होंने कहा कि सरकार की उठापटक होने की संभावना भी नजर आ रही है। ये तीन मुख्यमंत्री किसके होंगे, इस बारे में उन्होंने कोई खुलासा नहीं किया है। अगर यह स्थिति बनी तो प्रदेश में दो बार राजनीतिक नेतृत्व की अस्थिरता जैसी स्थिति निर्मित हो जाएगी। हालांकि वे कहते हैं कि किसी की भी सरकार आएं, उसे चलने दें, तोडफ़ोड़ न करें। पंडोखर सरकार ने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिर रिपीट होंगे।
कई दिग्गज हारेंगे चुनाव
किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कई दिग्गजों के हारने की संभावना बन रही है तो कई हारी हुई सीटों पर वे जीत भी सकते हैं। कुछ बड़े नेताओं में उलटफेर संभावित है। कुछ सीटें आएंगी तो कुछ दिग्गज हारेंगे। बड़े चेहरों के बीच उथल-पुथल हो सकती है। राजनीतिक अस्थिरता की बात भी वे कह रहे हैं, यानि सरकार बनाने और उसमें फिर किसी दूसरे दल द्वारा तोडफ़ोड़ किए जाने संबंधी घटना होना भी तय है।