भाजपा की नजर गांवों पर…मेगा प्लान तैयार, देश के सभी 7 लाख गांवों से एक नए मतदाता को जोड़ रहे

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए भाजपा ने मेगा प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत पार्टी ने देशभर में कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने, पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को साधने, योजनाओं के लाभार्थियों को पार्टी के साथ जोड़े रखने की बड़ी रणनीति तैयार है। इस सिलसिले में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह जहां जनवरी महीने तक हर राज्य में सांगठनिक बैठक करेंगे, वहीं प्रधानमंत्री मोदी कई कार्यक्रमों के जरिये कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। लगातार तीसरी जीत हासिल करने के लिए पार्टी की निगाहें युवा मतदाताओं पर हैं। इन्हें साधने के लिए पार्टी नेतृत्व ने युवा मोर्चे को देश के सभी सात लाख गांवों में कम से कम एक नए मतदाता को पार्टी का सदस्य बनाने की जिम्मेदारी दी है। मोर्चे को जिला और ब्लॉक स्तर पर युवाओं से सीधा संवाद करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

हर राज्य की तैयारी आंकेंगे शाह-नड्डा

लोकसभा चुनाव की तैयारी को आंकने और समस्याओं के निपटारे के लिए शाह और नड्डा पश्चिम बंगाल की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी बारी-बारी से सांगठनिक बैठकें करेंगे। इन बैठकों में प्रदेश के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी, मोर्चा, प्रकोष्ठों के मुखिया शामिल होंगे। इन बैठकों से पहले राज्यों को पांच जनवरी तक प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया गया है।

पीएम मोदी का कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद

चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले पीएम मोदी कई कार्यक्रमों के जरिये समूह में कार्यकताओं से सीधा संवाद करेंगे। इसके लिए तीन से चार राज्यों का समूह बनाया जाएगा, जिसे पीएम वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे।

लाभार्थियों से भी साधा जाएगा सीधा संपर्क

पार्टी ने सरकार की योजनाओं से जुड़े लाभार्थी वर्ग का डाटा तैयार कर लिया है। अब इनसे सीधे संवाद और संपर्क के लिए पार्टी जनवरी महीने में चलो गांव की ओर अभियान शुरू करेगी। पार्टी की योजना अगले महीने के अंत तक सभी लाभार्थियों से संपर्क करने की है। इसके अतिरिक्त पार्टी ने सभी राज्यों में युवा, महिला और वंचित वर्ग केंद्रित कम से कम 50 कार्यक्रम करने की भी योजना बनाई है।लोकसभा सीटों का बनेगा समूह, तय होंगे प्रभारी पार्टी लोकसभा की 543 सीटों को करीब 150 समूहों में बांटेगी। हर समूह के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। इसके साथ ही हर लोकसभा सीट का एक प्रभारी और एक संयोजक होगा।