भाजपा ने लंका ढहाने वाले ‘विभीषणों’ को लगाया ठिकाने

स्वतंत्र समय, भोपाल

अपनी ही पार्टी और प्रत्याशियों की लंका ढहाने वाले साबित हुए विभीषणों को भाजपा ने ठिकाने लगा दिया है। विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत करने वाले और पार्टी में रहते हुए भितरघात करने वाले कुछ नेताओं को निष्कासित कर दिया है। यह निष्कासन मप्र के श्योपुर जिले की इकाई में किया गया है। यहां के 11 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर किया है। इन सभी पर बीजेपी के साथ भितरघात करनेे और पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। विस चुनाव में श्योपुर जिले की दोनों सीटें गवां चुकी भाजपा ने अब चुनावों की समीक्षा के बाद सख्त कदम उठाते हुए पार्टी के शीर्ष 11 नेताओ को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उन्हें 6 साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्काषित किया है। ये वो नेता है जिनका जनाधार भी पार्टी के लिए काफी अहम माना जाता रहा है, लेकिन इन नेताओं में कुछ पर पार्टी से बगावत करने और कुछ के कांग्रेस और बसपा के साथ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश पर शनिवार को श्योपुर क्षेत्र के 11 कददावर नेताओं पर एक्शन हुआ है।

इधर… बैठक में बवाल, हरल्ले बोले-कांग्रेस में बैठे हैं आस्तीन के सांप

बयानों के बाद शनिवार को नए पीसीसी चीफ ने कांग्रेस कार्यालय में विस चुनाव हारे प्रत्याशियों के साथ मंथन किया। जिसमें पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने हार के कारणों पर प्रत्याशियों ने खुलकर अपनी बातें रखी। हार के बाद हुई बैठक में प्रत्याशियों के मन का गुबार खुलकर सामने आने से बवाल मच गया। गुना से हारे प्रत्याशी पंकज कनेरिया ने कहा कि पार्टी में आस्तीन के सांप नहीं, खुले सांप घूम रहे हैं। ये बड़े नेताओं के पाले हैं। हम अपनी बात कहां रखें? ऐसे लोगों से पूछा जाना चाहिए कि जो आरोप आपके ऊपर कैंडिडेट ने लगाए हैं, उस पर क्या कहेंगे? यदि शिकायत सच निकलती है तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।  मुंगावली से प्रत्याशी रहे यादवेंद्र सिंह यादव ने कहा, जो आस्तीन के सांप हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। यदि एक्शन नहीं लेंगे तो आने वाले लोकसभा के चुनावों में ऐसे ही परिणाम आएंगे जैसे विधानसभा में आए हैं। यादव ने कहा, उनके यहां लाड़ली बहना चला। उन्होंने बहनों को फोन कर कहा कि यदि वोट नहीं दिए तो ये पैसे मिलना बंद हो जाएंगे। हमारे पास भी बहनों के मोबाइल नंबर थे, लेकिन हम प्रदेश स्तर से फोन नहीं करवा पाए।