स्वतंत्र समय, भोपाल
अभा कांग्रेस के महासचिव, मप्र प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने एक बयान में कहा कि क्या मध्यप्रदेश में भाजपा शासन में अब ‘‘बेटी’’ होना ‘‘अभिशाप’’ हो गया है? मध्यप्रदेश के उज्जैन में 12 साल की सतना की दलित मासूम बेटी के साथ बलात्कार का वीभत्स और घृणित अपराध हुआ। बेटी घंटो खून से लथपथ उज्जैन में भटकती रही, मानवता रोती रही, माँ भारती की आत्मा छलनी होती रही पर शिवराज सरकार कान के तले हाथ रख सोती रही। सुरजेवाला ने कहा कि आज मैंने इंदौर के एमटीएच हॉस्पिटल में जा कर भर्ती बिटिया की देखरेख कर रहे डॉक्टर्स से बात की है, क्योंकि शासन ने बताया कि अभी बिटिया से मिलने की इजाजत नहीं। डॉक्टरों ने बलात्कार की जघन्यता के बारे में बताया, जिससे रूह काँप गई। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची है। शिवराज तो ऐसे निष्ठुर हैं कि वे 3 दिन तक अपना मौन धारण करे रहे। ‘‘सरकार’’ की इस आपराधिक सलिंप्तता को लेकर जनता के कुछ सवाल हैं। उन्होंने सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं कि सतना की बेटी के बाबा की गुहार के बावजूद 24 घंटे तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? उज्जैन पुलिस और भाजपा सरकार ने बिना जांच के ही इस बिटिया को अपनी एफआईआर में भिखारी क्यों और कैसे बता दिया, जबकि वो स्कूल यूनिफॉर्म में थी? पुलिस और सरकार ने मीडिया को ये क्यों कहा कि लडक़ी उत्तरप्रदेश की है, जबकि वो बेटी मप्र के सतना की है? क्या ये केवल प्रदेश को भ्रमित करने के लिए किया, ताकि 12 साल की सतना की एक दलित बेटी से हुये बलात्कार का मामला छुपाया जा सके? सरकार ये क्यों नहीं बता रही है कि बिटिया सतना से उज्जैन कैसे पहुंची?