भीषण सड़क दुर्घटना: एक्सीडेंट के बाद बस में लगी आग हादसे ने लील ली 14 जिंदगियां

स्वतंत्र समय, गुना

गुना जिले के बजरंगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत एक हृदय विदारक दुर्घटना घटित हो गई। जहां बुधवार को रात्रि लगभग 8:30 बजे  डंपर व यात्री बस में जोरदार टककर हो गई। घटना के तुरंत बाद ही बस में आग लग गई, आग इतनी भीषण थी कि 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, और 17 लोग घायल हो गए, जिनका जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। इस दुखद घटना से शहर में शोक की लहर छा गईं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना बुधवार रात्रि 8:30 बजे की बताई जा रही है। सिकरवार कंपनी की बस थी जोकि गुना से आरोन जा रही थी, गुना से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर जाकर वह एक डम्पर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।  और बस में भीषण आग लग गई। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को बस में से निकाला गया। सूचना पर कुछ ही देर में प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और राहत कार्य में लग गए।  इस घटना से शहर में शोक छा गया, वही  इस दुखद घटना पर देश के प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने भी शोक जताया। आग में बुरी तरह से झुलसे शवों की पहचान करना मुश्किल इस भीषण दुर्घटना में 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, मृतकों के शव आज में इतनी बुरी तरह से झुलस गई कि उनकी पहचान करना मुश्किल है।

डॉक्टर्स के अनुसार उनका लिंग अनुपात से पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है। इसके लिए भोपाल से फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है जो कि ब्लड टेस्ट व डीएनए टेस्ट की मदद से साबू की पहचान करने का प्रयास करेंगे। यह प्रक्रिया काफी लंबी है, हम शीघ्र ही शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सौंपने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव पहुंचे गुना घटना की जानकारी लगते ही प्रदेश की मुख्यमंत्री मोहन यादव घायलों से मिलने गुना जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हाल-चाल जन एवं हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया। वहीं गंभीर घायलों को प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री यादव ने मृतकों को चार-चार लाख एवं घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है।

इस दुखद घटना में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है जिसमें प्रदेश के मुखिया ने कार्यवाही करते हुए गुना कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर एवं परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया एवं नगर पालिका सीएमओ कतरोलिया को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। एवं मामले की गंभीरता से जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों को सस्पेंड करने एवं निलंबन से घटना की छती को पूरा किया जा सकता है ? आखिर इस दुर्घटना का जिम्मेदार कौन ? फिलहाल यह एक जांच का विषय है। अब यह देखना होगा की जिम्मेदार प्रशासन के अधिकारी इस मामले में कितनी ईमानदारी वह निष्पक्षता के साथ जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेंगे।

बिना परमिट और बीमा के सडक़ों पर दौड़ रही हैं सैकड़ों बसें

यहां प्रशासन की लापरवाही सामने आई है जहां आए दिन वाहनों की चेकिंग की जाती है, एवं चालान भी बनाई जाते हैं मगर राजनीतिक दबाव के चलते बड़े वाहनों को अनदेखा किया जाता है। जानकारी के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त दोनों वाहनों के बीमा एवं परमिट नहीं होने की बात सामने आई है। बस का बीमा तो 2021 में ही समाप्त हो गया था।  प्रशासन की लचर कार्य प्रणाली के चलते  ऐसे सैकड़ो वहान शहर में संचालित है जिनकी ना बीमा है ना परमिट है ना फिटने से है।  भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों की मिली भगत से यह सब गोरख धंधा चल रहा है जिसे देखने वाला कोई नहीं है।