भूख प्यास से परेशान होमगार्ड जवानों ने प्रशासन से वापस गृह ग्राम भेजने की लगाई गुहार

स्वतंत्र समय, बैतूल

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हुए। इस दौरान चुनाव में शांति व्यवस्था संभालने से लेकर कई अन्य कार्यों के लिए होमगार्ड तैनात किये गए थे। इस चुनाव में इन्हीं के ऊपर सारी जिम्मेदारियां थी। सभी जवानों को अन्य राज्यों से मध्य प्रदेश बुलाया गया था। लेकिन मतदान होने के बाद इनकी सुध लेने वाला ही कोई नहीं है। मतदान समाप्त होते ही सभी होमगार्ड ने अपने-अपने राज्य की ओर लौटने की तैयारी की थी लेकिन वापसी के लिए इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा।

ट्रेन लेट होने की वजह से होमगार्ड जवानों को हमलापुर के छात्रावास में समय व्यतीत करना पड़ रहा है। साथ ही बुखार से पीडि़त होने के बाद भी प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली जिसके बाद सभी में आक्रोश देखने को मिला।  दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में लाखों की संख्या में अन्य राज्यों से कर्मचारी बुलाए गए थे। इसी क्रम में बैतूल में भी कर्नाटक से लगभग 4000 होमगार्ड के जवान आए थे। जिले के अलग-अलग भागों में ड्यूटी कर रहे थे। चुनाव समाप्त होने के बाद सभी होमगार्ड के जवान अपने-अपने क्षेत्र में वापस जाने के लिए परेशान हो रहे है लेकिन प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है। जिले में पर्याप्त सुविधा न मिलने और ट्रेन अधिक लेट हो जाने के कारण होमगार्ड के जवानों का गुस्सा फूट पड़ा है।

अधिकारी नहीं ले रहे हैं सुध

होमगार्ड जवानों ने बताया कि उन्हें छत्रावास में ठहराया गया है 11 तारीख से हम यंहा रुके हुए है, कोई एक अधिकारी ने आकर हमारी सुध नही ली है। 18 को रवाना होना था अधिकारी सिर्फ और सिर्फ आश्वासन दे रहे है। होमगार्ड सैनिको का आरोप है कि जिला प्रशासन जो खाना उन्हें दे रहा है एक तो वह बहुत कम रहता है दूसरा उसकी गुणवत्ता भी खराब है। पीने को पानी और सोने के लिए बिस्तर भी नही दिया गया, बीते एक सप्ताह से सभी होमगार्ड सैनिक ठंडे फर्श पर चादर बिछा कर सोने को मजबूर है, जिसकी वजह से सैनिक बीमार पड़ रहे है और उन्हें देखने वाला भी कोई नही है। उन्हें घर जाने की चिंता सता रही है। होमगार्ड सैनिक रवि कोड़ी ने बताया कि किसी जवान के घर पर बुजुर्ग की मृत्यु हो गई है किसी के परिवार में कोई परेशानी है ऐसी स्थिति में भी जवान यहां फंसे पड़े हुए हैं।