भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद मामला दबाने में जुटे आरटीओ

स्वतंत्र समय, कटनी

अपनी भ्रष्ट कार्यप्रणाली के लिए विख्यात परिवहन विभाग ने एक बड़ा कारनामा कर डाला है। एक मृत व्यक्ति को जिंदा दर्शाकर वाहन ट्रांसफर किया गया है। स्वाभाविक है ऐसा करने के लिए मोटी रकम भी ली गई होगी। अब जब मामला उजागर हो गया है, तो मामले को दबाने के हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। क्योंकि दोषियों को मालूम है कि जब कार्यालय के अंदर पैसे लेने के मामले को दबा दिया गया तो फिर यह मामला भी दबा ही दिया जाएगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर कोई व्यक्ति कोई अपराध करे तो उसके लिए सारे नियम और कानून है, परंतु अफसर अगर अपराध करे तो उसके लिए कोई दंड नहीं केवल जांच रूपी ब्रह्मस्त्र से सब की जुबान बंद कर दी जा रही है।

मामले को दबाने संभाग स्तर पर जोर आजमाईश

पता चला है कि परिवहन कार्यालय में 11 नवंबर 2022 को मृत व्यक्ति को जिंदा बताकर जो कारनामा परिवहन अधिकारी रमा दुबे और लिपिक दिलीप बाथम ने किया वह उजागर हुआ और किसी ने इसकी शिकायत भी बीते सितंबर माह की 29 तारीख को कर दी। शिकायत भी प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन, लोकायुक्त, परिवहन आयुक्त ग्वालियर, पुलिस अधीक्षक कटनी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कटनी विमलेश गुप्ता को की गई है, लेकिन लगभग 17 दिन बीत चुके हैं लेकिन आज तक परिवहन अधिकारी कार्यवाही तो दूर आरोपित लिपिक दिलीप बाथम को उस शाखा तक से नहीं हटा पाए जिस शाखा में रहकर यह कारनामा किया गया है। आरोपित लिपिक और तत्कालीन परिवहन अधिकारी रमा दुबे को पूरा समय दिया जा रहा है कि वह इस मामले को दबाने अपने हाथ पैर चला सकें और सूत्रों से पता चला है कि परिवहन आयुक्त तक अर्जी लगाई जा रही है यही कारण है कि प्रमाणित दस्तावेजों के साथ की गई शिकायत में भी कार्यवाही से गुरेज किया जा रहा है। एक तथ्य और विचरण योग्य है कि लिपिक दिलीप बाथम पिछले 8 वर्ष से परिवहन कार्यालय में जमा हुआ है इससे भी लिपिक के प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सुर्खियों में है परिवहन विभाग

पिछले लंबे समय से एक के बाद एक भ्रष्ट कारनामे परिवहन विभाग के उजागर हुए जिसमें सबसे गंभीर मामला कार्यालय में पैसे के लेनदेन के वायरल वीडियो का था तब कलेक्टर अवि प्रसाद ने जांच उपरांत कार्यवाही की बात कही थी उस मामले में भी कार्यवाही आज तक उपेक्षित है इसी प्रकार एजेंटों को रेट लिस्ट भी सामने आई थी और मामला परिवहन आयुक्त संजय झा तक पहुंचा इस मामले को भी दबा दिया गया और कई मामले मिडिया की सुर्खियों में आए हैं। तो तत्कालीन आरटीओ रमा दुबे ने सरकारी दफ्तर में तालाबंदी करा दी ताकि कारनामे बाहर न आएं । उस समय विधायक संदीप जायसवाल ने कार्यालय जाकर तालाबंदी का विरोध कर कहा था कि देश का शायद यह पहला सरकारी दफ्तर है जहां तालाबंदी कर कार्य किए जा रहे हैं। अब मृत व्यक्ति को जिंदा दर्शाकर वाहन ट्रांसफर किया गया अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिवहन विभाग में आखिर किस कदर मनमानी चल रही है।

परिवहन अधिकारी बोले

इस संबंध में बातचीत करते हुए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विमलेश गुप्ता ने कहा कि 29 सितंबर को मृत व्यक्ति को जिंदा दर्शाकर वाहन ट्रांसफर करने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है जांच की जा रही है जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

ऐसा था कारनामा

विजयराघवगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम पडख़ुरी निवासी स्व. हेतराम चौधरी पिता सूकरु चौधरी की मृत्यु 3 नवंबर 2022 को हो गई। हेतराम चौधरी के नाम पर पिकअप लोडर वाहन एम पी 21 जी 1161 था अब उस वाहन को बेचना था तो तत्कालीन क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रमा दुबे और वर्तमान लिपिक दिलीप बाथम के पास मामला पहुंचा जहां पर सांठगांठ करते हुए परिवहन अधिनियम के विपरीत कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मृत व्यक्ति के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा कर वाहन ट्रांसफर की कार्यवाही कर दी गई, और यह सब अनजाने में नहीं बल्कि लिपिक दिलीप बाथम तत्कालीन आरटीओ रमा दुबे की जानकारी में किया गया।  3 नवंबर 2022 को जिस वाहन मालिक की मृत्यु हो गई वह आरटीओ और परिवहन विभाग के लिपिक की कृपा से 8 दिन बाद जिंदा हुआ, फिर परिवहन कार्यालय में वाहन ट्रांसफर की कार्यवाही में शामिल हुआ और फिर वापस स्वर्गलोक चला गया। वैसे अगर नियमों की बात की जाए तो मृत वाहन मालिक का वाहन पहले फार्म 31 के माध्यम से वारशान के नाम पर दर्ज होता है। उसके बाद अन्य किसी के नाम पर वाहन ट्रांसफर हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया है।