मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर छलका भार्गव का दर्द

स्वतंत्र समय, भोपाल

बीजेपी के सबसे सीनियर विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल न करने का मामला शांत नहीं हो रहा है। कभी विधायक समर्थक, तो कभी खुद विधायक अपना दर्द छुपा नहीं पा रहे हैं। ऐसा ही वाकया एक बार फिर सामने आया है। इस बार विधायक के दिल की बात ही जुंबा पर आ गई। उन्होंने कहा कि आला नेतृत्व की कृपा हो तो कोई भी विधायक मुख्यमंत्री बन सकता है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बहुमत मिला। केंद्रीय नेतृत्व ने इन तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया था। तीनों ही राज्य में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नए चेहरे हैं। इनमें से राजस्थान में तो पहली बार विधायक चुने गए भजन लाल शर्मा को ही मुख्यमंत्री बना दिया गया। ऐसे में सीनियर विधायकों की ओर से उनकी अनदेखी किए जाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

भार्गव 9वीं बार चुने गए

विधायक मध्य प्रदेश में 9वीं बार विधायक चुने गए गोपाल भार्गव को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। भार्गव सागर जिले की रहली विधानसभा से चुनाव जीते हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में सबसे सीनियर विधायक को मंत्रिमंडल से बाहर क्यों कर दिया गया है इसको लेकर गोपाल भार्गव का कहना है कि वह तो निस्वार्थ हैं अगर नेतृत्व की कृपा हो तो कोई भी विधायक मुख्यमंत्री भी बन सकता है, ऐसा हुआ भी है। अभी जो तीन राज्यों में चुनाव हुए हैं उसमें सभी ने देखा।

1985 से लगातार विधायक हैं भार्गव

गोपाल भार्गव 1985 से लगातार 20२3 तक चुनाव जीत रहे हैं। वह 2003 से लेकर 2023 तक मंत्री भी रहे हैं। 2018 में कमलनाथ की सरकार आई थी तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।