मटन की दुकान हटाने गए, लेकिन नियम ही नहीं मालूम, चेतावनी देना भी नहीं समझा मुनासिब

स्वतंत्र समय, मुरैना

प्रशासन एवं पुलिस की स्थिति भेड़ चाल जैसी हो गई है, जो कोई भी आदेश प्राप्त हुआ, उस पर बिना सोचे समझे रणनीति बनाए बगैर ही अमल आरंभ कर दिया जाता है, जबकि अधिकारी खुद उन नियमों से अनभिज्ञ है। नगर निगम आयुक्त का हाल तो यह है कि शहर में करोड़ों रुपए की भूमियों पर अतिक्रमण करने वाले एवं यातायात को ठेंगा दिखाने वाले दिखाई नहीं दे रहे हैं, लेकिन गरीब अमरुद बेचने वालों का चालान तुरंत कर आते हैं। प्रदेश के मुखिया ने खुले में मांस की बिक्री को प्रतिबंधित क्या किया, अब प्रशासन सारे काम छोडक़र इसी में लग गया है, जबकि प्रशासन को इसकी पूरी गाइडलाइन का ज्ञान नहीं है।
हाल ही में नवनियुक्त मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश भर में खुले में मांस की बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई तथा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि मंदिर मस्जिद के 100 मीटर के दायरे में इनकी बिक्री नहीं की जाएगी। आदेश आते ही प्रशासन पुलिस एवं नगर निगम का अमला सक्रिय हो गया और पूरे दिन सारे काम छोडक़र पूरी मशीनरी इसी कार्य में जुट गई है। शनिवार को नगर निगम आयुक्त दोपहर 12:00 बजे के पश्चात अपने कार्यालय से निकले तो पुराना बस स्टैंड पर सडक़ किनारे अमरूद बेचने वालों पर उनकी नजर पड़ी, फिर क्या था साहब ने गाड़ी से उतरकर उन गरीब अमरुद बेचने वालों के चालान करवा दिए। आयुक्त साहब को अमरुद बेचने वालों का अतिक्रमण तो दिख गया, लेकिन शहर की कीमती जमीनों पर बेतहाशा अतिक्रमण करने वाले रसूखदार दिखाई नहीं दे रहे हैं। शहर की एमएस रोड हो या किसी भी प्रमुख बाजार का इलाका सभी जगह बड़े-बड़े लोगों ने अतिक्रमण कर पूरे शहर की आबोहवा को खराब कर दिया है।

नहीं दिए गए नोटिस, अचानक कर दी कार्यवाही

गरीब बेचारा मरता, क्या ना करता वाली स्थिति मुरैना शहर में देखने को मिल रही है मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रशासन अलर्ट तो हो गया लेकिन शहर में कितनी दुकान मांस की खुले में संचालित हैं इसकी कोई लिस्ट निगम प्रशासन के पास नहीं थी और ना ही किसी भी मांस विक्रेता को नोटिस देकर दुकान हटाने का समय दिया गया। शनिवार की दोपहर अचानक नगर निगम आयुक्त एसडीएम एवं पूरे अमले को लेकर पुरानी कलेक्ट्रेट के सामने लुहार गली में पहुंच गए यहां पर उन्होंने मांसाहारी भोजन खिलाने वाले होटल संचालकों के लाइसेंस देखकर उन्हें दिशा-निर्देश दे दिए तथा कुछ दुकान जो मस्जिद की जगह पर बनी है, उसमें कुछ दुकान मांस बेचने की थी जो बंद मिली और निगम आयुक्त ने उनके होर्डिंग हटवा दिए। इस दौरान मांस एवं अंडा विक्रेताओं ने कुछ सवाल जवाब किया तो निगम आयुक्त एवं एसडीएम सवालों के जवाब नहीं दे पाए, क्योंकि उन्हें खुद पूरी गाइडलाइन का ज्ञान नहीं था। प्रशासन को चाहिए कि वह पहले पूरी गाइडलाइन एवं दिशा निर्देश जारी करें और जो इस कारोबार में शामिल हैं, उनको बुलाकर समय देकर जगह निश्चित करने को कहा जाए, जिस स्थिति में प्रशासन काम कर रहा है, उससे आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

कमर्शियल भवन मालिकों पर कब होगी कार्यवाही

जिला प्रशासन एवं निगम प्रशासन शहर के विकास की बात तो करता है, लेकिन मामला बैठक के बाद थम जाता है। शहर में अतिक्रमण हो या पार्किंग की समस्या, इसकी और प्रशासन गंभीर नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि शहर में एमएस रोड हो या और कोई मार्ग, जहां भी कमर्शियल भवन निर्मित हैं, उन पर पार्किंग के लिए कोई स्थान नहीं है, जिस कारण शहर की प्रमुख सडक़ों पर कमर्शियल भवन में शासकीय, अशासकीय दफ्तरों, मॉल आदि में जाने वाले लोग सडक़ पर दोपहिया एवं चार पहिया वाहन पार्किंग कर देते हैं और शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है। इसको लेकर प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिस कारण शहर में छुटपुट दुर्घटनाएं प्रतिदिन हो रही है।

आयुक्त, एसडीएम की गाडिय़ों ने लगाया जाम

मुख्य मार्गों एवं हाईवे पर अगर कोई जाम लगाए तो प्रशासन एवं पुलिस उस पर तुरंत कार्रवाई कर देते हैं, लेकिन जब प्रशासनिक मुखिया ही स्वयं गाडिय़ों को सडक़ पर खड़ा कर कार्रवाई के लिए जाते हैं और जाम लगता है, तब उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा, यह अधिकारी भी नहीं जानते, जानते भी है तो अनजान बनते हैं। शनिवार की दोपहर पुरानी कलेक्ट्रेट के सामने मांस की दुकानों पर कार्रवाई करने गए एसडीएम एवं आयुक्त की गाडिय़ां एमएस रोड पर बीच सडक़ पर खड़ी हुई थी, जिस कारण एमएस रोड पर काफी लंबा जाम लग गया और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मंदिर, मस्जिद से हटाए लाउडस्पीकर

शनिवार को प्रशासन एवं पुलिस की टीम द्वारा मांस बेचने वालों के अलावा मंदिर एवं मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर हटाए गए तथा उन्हें गाइडलाइन के संबंध में जानकारी दी गई। पुलिस एवं प्रशासन की कार्यवाही के दौरान मंदिर मस्जिदों पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।

अंडे बेचने के संबंध में दुकानदार को आयुक्त नहीं दे सके जानकारी

शनिवार की दोपहर एसडीएम एवं नगर निगम आयुक्त कलेक्ट के सामने मांस एवं अंडे की दुकानों पर कार्रवाई करने पहुंचे यहां पर एक अंडा विक्रय करने वाले युवक ने आयुक्त से पूछा कि साहब अंडे खुले में भेज सकते हैं क्या, इस बात पर आयुक्त महोदय कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और नगर निगम में आने को बोल दिया।