नई दिल्ली। शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को चि_ी लिखी है। इसमें 21 सितंबर को संसदीय कार्यवाही के दौरान महिला विजिटर्स की तरफ से की गई नारेबाजी पर एक्शन की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के वक्त सांसदों की तरफ से बुलाई गई कुछ महिलाओं ने राजनीतिक नारेबाजी की थी।प्रियंका ने इस पत्र की जानकारी देते हुए बताया कि महिला विजिटर्स सांसदों के न्योते पर आई थीं। किसी भी विजिटर को संसदीय कार्यवाही के दौरान बात करने की अनुमति नहीं होती। मुझे खेद है कि पार्लियामेंट में इतनी सिक्योरिटी होने के बावजूद कुछ महिलाओं ने नारेबाजी की। इस घटना से रूल 264 का उल्लंघन होता है। इसी के तहत मैंने चेयरमैन को पत्र लिखा है।
अप्रिय घटना होने पर विजिटर्स को सदन में लाने वाले सांसद की जिम्मेदारी
प्रियंका ने चिट्?ठी में आगे लिखा कि राज्यसभा के रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 264 में विजिटर्स के लिए नियम बताए गए हैं। इस नियम के तहत कोई सांसद किसी ऐसे व्यक्ति के लिए विजिटर्स कार्ड का आवेदन दे सकता है, जिसे वह व्यक्तिगत तौर पर जानता है। कुछ खास मामलों में सांसद ऐसे लोगों के लिए भी विजिटिंग कार्ड का आवेदन दे सकता है, जिन्हें उसके किसी जानने वाले ने उससे मिलवाया हो।दूसरे मामले में सांसदों को बहुत सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्हें ये ध्यान रखने की सलाह दी जाती है कि अगर उनके आवेदन पर जिन लोगों को विजिटर्स कार्ड देकर सदन में बैठने की अनुमति दी गई है, वे लोग अगर किसी अनुचित गतिविधि में शामिल होंगे या उनकी वजह से कोई अप्रिय घटना होगी तो, इसकी जिम्मेदारी उस सांसद की होगी।