मात्र 28 वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचा भाजपा विधायक

विपिन नीमा, इंदौर

विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथों से बुरी तरह से पिटाई कांग्रेस के कई प्रत्याशियों को कम वोट मिले। इसी कारण वह मात्र 64 सीट पर आकर अटक गई। कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपनी हार को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। मतदान के दौरान कांग्रेस ने कहां कहां गलतियां की है और कहां कहां पर कमजोर रही इस पर गहन अध्ययन चल रहा है। कांग्रेस के 64 प्रत्याशियों में से दो प्रत्याशी ऐसे है जिन्हें सम्मानजनक जीत मिली है। कुक्षी विधानसभा चुनाव में  कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह बघेल हनी एकमात्र ऐसे प्रत्याशी रहे जिन्होंने कांग्रेस की तरफ से सबसे बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा के भिंडे जयदीप पटेल 49777 वोटो से पराजित किया। इसी प्रकार कांग्रेस की तरफ से दूसरी बड़ी जीत कैलाश कुशवाह ने हासिल की। शिवपुरी के पोहरी विधानसभा चुनाव में हुए त्रिकोणीय मुकाबले में  कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह ने भाजपा के प्रत्याशी राज्यमंत्री सुरेश राठखेडा को 49481 वोटों से करारी शिकस्त दी है। इस चुनाव में सबसे भाजपा का एक प्रत्याशी मात्र 28 वोट जीतकर विधायक बना। इंदौर में भाजपा नगर अध्यक्ष और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष की भी परीक्षा थी। इस परीक्षा में कांग्रेस के नगर अध्यक्ष शहर में एक भी सीट नहीं दिला सके।

कम वोटों से जीतने वाले ये हैं नवनिर्वाचित विधायक

  • मांधाता सीट पर बीजेपी के नारायण पटेल ने कांग्रेस के उत्तम राजनारायण सिंह पुरनी को 589 वोट से शिकस्त दी।
  • बैहर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी संजय उइके ने भाजपा  के प्रत्याशी भगत सिंह नेतम को 551 वोटों से शिकस्त दी।
  • बीजेपी के कालू सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के प्रत्याशी पांचीलाल मेड़ा को 356 वोटों से शिकस्त दी।
  • महिदपुर सीट पर कांग्रेस के दिनेश जैन बॉस ने बीजेपी के प्रत्याशी बहादुर सिंह चौहान को 290 वोटों से शिकस्त दी।
  • बीजेपी के अरुण भीमावद ने पूर्व मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा को 28 वोटों से हराया।

शाजापुर से निकली भाजपा की सबसे छोटी जीत

विधानसभा चुनाव के नतीजे स्पष्ट होने के बाद कुछ  प्रत्याशी लाखों वोटों से जीते तो कुछ ऐसे रहे जो चंद वोटों से जीतकर विधानसभा पहुंचे है। मध्य प्रदेश की सबसे छोटी जीत शाजापुर विधानसभा क्षेत्र  के भाजपा प्रत्याशी अरुण भीमावद की रही , जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी हुकुमसिंह कराड़ा को मात्र 28 वोट से हराया। जबकि सबसे बड़ी जीत इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 के प्रत्याशी रमेश मेंदोला के नाम रही।

सुरजीत हुए पूरी तरह फ्लाप, रणदिवे को मिली सफलता

विधानसभा चुनाव के नतीजे में जो हाल प्रदेश कांग्रेस का हुआ वही हाल शहर कांग्रेस अध्यक्ष का हुआ है। दिग्विजय सिंह  गुट के सुरजीत चड्डा विधानसभा चुनाव की परीक्षा में पूरी तरह से फ्लाप हो गए। वे  इंदौर में  एक भी सीट नहीं जीत पाए। जबकि भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदीवे 100त्न सफल अध्यक्ष साबित हुए है। वे पहले ऐसे नगर अध्यक्ष रहे  जिनके कार्यकाल  में शहर की सभी सीट भाजपा ने जीती है। असफल अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा कांग्रेस दो बार पार्षद का चुनाव जीत चुके है। पिछली बार कांग्रेस ने चार नंबर विधानसभा क्षेत्र से सुरतीज को विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाए थे। गौरव रणदिवे ने  विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी जरूर पेश की थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।

कांग्रेस को मिली 64 सीटो में सबसे बड़ी जीत कुक्षी में मिली

  • कुक्षी विधानसभा चुनाव में  कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह बघेल  हनी एकमात्र ऐसे प्रत्याशी रहे जिन्होंने कांग्रेस की तरफ से सबसे बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा के भिंडे जयदीप पटेल 49777 वोटो से पराजित किया। बधेल को 114464 तथा जयदीप पटेल को  64576 वोट मिले।
  • इसी प्रकार कांग्रेस की तरफ से दूसरी बड़ी जीत कैलाश कुशवाह ने हासिल की। शिवपुरी के पोहरी विधानसभा चुनाव में हुए त्रिकोणीय मुकाबले में  कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह ने अपने तीसरे चुनाव में लंबी जीत दर्ज करते हुए  भाजपा के प्रत्याशी राज्यमंत्री सुरेश राठखेडा की करारी शिकस्त दी है। कुशवाह को 99739 वोट मिले है वही भाजपा के प्रत्याशी सुरेश राठखेडा को 50258 मत मिले  है।  बसपा के प्रत्याशी प्रदुमन वर्मा को 40142 वोट से ही संतोष करना पड रहा है। इस प्रकार कांग्रेस के कैलाश कुशवाह 49481 वोटो से विजयी हुए है।