माननीय… आपको 5 साल मिले हैं, इन अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करें

स्वतंत्र समय, इंदौर

स्मार्ट सिटी इस समय चारों ओर से खुदी पड़ी है। जनता ने आप पर भरोसा जताया है कि अगले पांच साल में आप नागरिकों की जिंदगी के साथ ही इस आर्थिक नगरी को भी संवारेंगे। हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि घोषणाएं और दावे तो पिछले दिनों खूब हुए, अब उन्हें पूरा करने का अदद संकल्प चाहिए। आपके पास पूरे 5 साल का समय है, इसे पूरा करने का…। बस अब जरूरत है आपके सीसीटीवी की तरह थर्ड आई बनने की…।

यहां कुछ प्रोजेक्ट हैं जिसे पूरा करने के लिए आपके सामर्थ्य, इच्छाशक्ति और निगरानी की जरूरत है। ये पूरे होंगे तो शहर संवरेगा और हर शहरवासी गर्व के साथ इठला कर चलेगा। विकास की बात आपके साथ …।

1- स्मार्ट क्लासेस

पिछले दिनों स्कूली शिक्षा को बेहतर करने की बहुत बातें हुईं। सरकारी स्कूलों को झांकें तो चंद ही उदाहरण मिलते हैं। स्मार्ट क्लासेस उंगलियों पर गिनवाई जा सकती है। सरकारी स्कूल सुविधाओं के मामले में बहुत पीछे हैं।

2- अस्पताल और इलाज

पिछली बार सरकार ने अस्पतालों के लिए बंपर घोषणाएं कीं लेकिन हकीकत में कुछ तरक्की नहीं हुई।  इंदौर में सरकार ने बहुत पहले 29 संजीवनी क्लिनिक की घोषणा की थी लेकिन जमीन पर पांच भी नहीं उतर पाए हैं। नगर निगम पिछले लंबे समय से संजीवनी क्लिनिक शुरू करने की योजना कागजों पर बना रहा है। अब इसे आकार दीजिए।

3- हर ओर खुदाई

सडक़ों का सीना खुदा पड़ा है। अब टाइमलाइन के साथ काम करने की जरूरत है। जनप्रतिनिधियों के आगे आने से काम जल्द होगा। शहर में बक्षी बाग, जबरन कॉलोनी, रीवर साइड आदि के दर्जनों काम महीनों या कहें डेढ़-दो साल से रेंगने वाली गति से चल रहे हैं।

4- स्मार्ट ट्रैफिक

कहने को इंदौर महानगर है लेकिन ट्रैफिक में बुरा हाल है। सिग्नलों पर लंबे जाम लग रहे हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते प्रशासन के साथ समन्वय कर शहर के ट्रैफिक के लिए पहल कीजिए। लोग रोजाना घंटों जाम से जूझ रहे हैं।

5- सरकारी दफ्तरों को सुधारिए

आरटीओ, पुलिस, नगर निगम कार्यालय, जोन, कलेक्टोरेट, स्वास्थ्य विभाग समेत दर्जनों सरकारी ऑफिस हैं जहां अफसर-कर्मचारी समय पर नहीं आते। जनता परेशान है और माननीय आपकी निगाह और निगरानी की जरूरत है।