‘मालवा’ के हाथों में प्रदेश के ‘प्रमुख’ पदों की ‘कमान’

स्वतंत्र समय, इंदौर

पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री और अब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दो युवा नेताओं के हाथ में प्रदेश के प्रमुख पदों की कमान आ गई है। उच्च शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को प्रमोशन कर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया है तो पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उच्च शिक्षा मंत्री रहे जीतू पटवारी के हाथों में प्रदेश कांग्रेस की कमान है।

दोनों पदों पर ओबीसी हैं तो मजेदार बात यह है कि यह दोनों ही पद मालवा के हाथ में आए हैं। इससे साफ है कि दोनों ही प्रमुख दल मालवा-निमाड़ को फोकस कर रहे हैं। वास्तव में मालवा-निमाड़ की 67 सीट ही सत्ता की चाबी मानी जाती है। पिछली बार कांग्रेस तो इस बार भाजपा ने इस चाबी को हासिल किया है। कांग्रेस ने तो मालवा के ही उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाकर एक ओर नया संदेश दे दिया है। कुछ दिनों पहले दिल्ली दरबार से जब उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव का नाम मुख्यमंत्री के लिए फाइनल हुआ तो मालवा के लिए यह बड़ी बात थी। अब इस बड़ी बात को कांग्रेस ने दो महत्वपूर्ण पदों पर मालवा के युवा नेताओं इंदौर से विधायक का चुनाव हारे हुए जीतू पटवारी और विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष के रूप में बैठाकर मालवा की शक्ति को और ज्यादा बढ़ा दिया है। तीनों ही नेता युवाओं की श्रेणी में हैं और 50 साल के करीब हैं।

15 साल का सफरनामा

कांग्रेस ने इंदौर से विधायक का चुनाव हारे 47 वर्ष के जीतू पटवारी के हाथ में प्रदेश पार्टी की कमान सौंपी है। मात्र 15 साल के राजनीतिक सफर में पटवारी प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उसके बाद कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, दो बार विधायक, 16 महीने की सरकार में मंत्री बने और अब प्रदेश संगठन की कमान संभाल रहे हैं।

राहुल के करीब हैं पटवारी

इंदौर के गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज से पढ़ाई के साथ राजनीति सीखने वाले जीतू पटवारी दिल्ली दरबार में राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का उन्हें क्षेत्र में प्रभारी बनाया गया। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा निकाली गई जन आक्रोश यात्रा के वे प्रभारी रहे।

ओबीसी के सामने ओबीसी

राऊ क्षेत्र से दो बार लगातार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ताजा विधानसभा चुनाव में पटवारी की हार हुई। जीतू पटवारी के अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी के साथ प्रदेश कांग्रेस ने ओबीसी चेहरे को भी आगे कर दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी ओबीसी हैं तो कांग्रेस इसे उनकी टक्कर का मान रही है। अपनी मुखरता और भाजपा पर हमलावर रुख रखने के कारण पटवारी की पहचान पूरे प्रदेश में है।

खाती समाज में पटवारी की पैठ, 8 सीटों पर है असर

कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री रहते पटवारी ने अपने समर्थकों का आधार भी पूरे प्रदेश में बनाया। खाती समाज से ताल्लुक रखने वाले पटवारी के समर्थक दावा करते हैं कि समाज के वोट प्रदेश की 45 प्रतिशत सीटों पर असर करते हैं। इंदौर के साथ आष्टा, सीहोर, राजगढ़, रतलाम, शाजापुर, धार, विदिशा, उज्जैन, देवास, ब्यावरा जैसे क्षेत्रों में समाज के वोटों का बड़ा असर है।

ये हैं कई संयोग

  • प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पिछली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं।
  • दोनों ही पार्टी का ओबीसी चेहरा है।
  • दोनों ही सत्ता की चाबी वाले क्षेत्र मालवा से आते हैं।
  • दोनों ही युवा हैं।
  • दोनों ही कॉलेज की राजनीति से आगे बढ़े हैं।