स्वतंत्र समय, भोपाल
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सोमवार सिनेमा अध्ययन विभाग द्वारा “फिल्मों पर लेखन” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया, जिसमें वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजित राय ने अपने विचार व्यक्त किए। व्याख्यान में चित्रकार अखिलेश वर्मा विशेष रुप सेउपस्थित थे। वहीं फैकल्टी एवं स्टॉफ के लिए नैक पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें नैक पीर टीम के सदस्य प्रो.सुधीर सिंह द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। दोनों ही कार्यक्रमों की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ) के.जी.सुरेश ने की। विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में आयोजित विशेष व्याख्यान में कुलपति प्रो. (डॉ) के.जी.सुरेश ने कहा कि फिल्म पत्रकारिता को गंभीरता से समझने की आवश्यकता है। वैश्विक स्तर पर इसे समझने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म पत्रकारिता की अहम भूमिका होती है। प्रो. सुरेश ने कहा कि सिनेमा स्टडीज डिपार्टमेंट में फिल्मों में डिप्लोमा से पीएच.डी. तक का पूरा पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब फिल्म एप्रीसियेशन का नया कोर्स चलाने की इच्छा है । वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजित राय की प्रशंषा करते हुए उन्होंने कहा कि वे देश के एकमात्र फिल्म पत्रकार हैं जो कांस फिल्म फेस्टीवल में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
ऑस्कर पुरस्कार के बारे में जानकारी दी
वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजित राय ने कई इंटरनेशनल मैग्जीन्स, कांस फिल्म फेस्टीवल एवं ऑस्कर पुरस्कार के बारे में जानकारी दी । उन्होंने कहा कि भारत में अभी तक इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी नहीं है जो बड़े लेवल पर भारत का प्रतिनिधित्व करती हो । श्री राय ने कहा कि हिंदुस्तान को आगे बढ़ाने एवं अपनी क्षमता दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में न्यूज एजेंसी की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि भारत को मीडिया और सिनेमा की ताकत को समझना चाहिये । विशेष व्याख्यान में सिनेमा अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.पवित्र श्रीवास्तव, प्रो. संजय द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार, वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. गजेन्द्र सिंह अवास्या, ट्यूटर डॉ. जया सुरजानी, डॉ. गरिमा पटेल, एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
वहीं नैक के लिए चाणक्य भवन में आयोजित कार्यशाला में डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि नैक की प्रक्रिया के लिए विभिन्न प्रकार की कमेटियों का गठन किया जाना जरुरी है एवं उनके कार्यो को बांटकर उनकी मानीटरिंग की जाना चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समय-समय पर इन कमेटियों की बैठक भी लगातार होते रहना चाहिए । सिंह ने कहा कि नैक के लिए इन सभी चीजों का प्रापर डाक्युमेंटेशन बहुत जरुरी है । कार्यशाला में विश्वविद्यालय कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, डीन अकादमिक डॉ. पी. शशिकला, डीन स्टुडेंट वेलफेयर डॉ. मनीष माहेश्वरी, नैक संयोजक डॉ. मनोज पचारिया विवि. के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी विशेष रुप से उपस्थित थे।