स्वतंत्र समय, भोपाल
मंत्रालय में लग्जरी और एसी आफिसों में जमे आला अफसरों को नई सरकार के नए मुखिया डॉ मोहन यादव ने मैदान में उतार दिया है। अब यह आला अधिकारियों को संभागवार जिम्मा सौंपकर संभागीय बैठक के लिए एसीएस लेवल के अधिकारियों को सीएम ने प्रभारी नियुक्त किया है। प्रदेश के दस संभाग के लिए दस अधिकारियों की तैनाती की गई है। ये सभी अधिकारी बैठक की न सिर्फ तैयारी करेंगे, बल्कि बैठक के बाद दिए सीएम के निर्देशों की मॉनिटरिंग भी करेंगे। गौरतलब है कि सीएम यादव ने प्रदेश की कमान संभालते ही अपने गृह संभाग उज्जैन में सबसे पहले बैठक कर समीक्षा की थी। यादव ने मंत्रालय में बैठकर काम करने वाले अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों को योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मैदानी रिपोर्ट जुटाने की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। इसी के चलते अपर मुख्य सचिवों की ड्यूटी संभागीय मुख्यालयों पर योजनाओं और विकास कार्यों की मानिटरिंग और सुपरविजन के लिए लगा दी गई है और जल्द ही प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों की भूमिका भी तय की जा सकती है। अपर मुख्य सचिवों से जिलों और संभागों की सीधी रिपोर्ट भी सीएम यादव लेंगे।
समन्वय बनाकर समस्याओं का कराएंगे निराकरण
संभागों में यह काम करना होगा अपर मुख्य सचिवों को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा है कि संभाग स्तर पर विकास कार्यों की होने वाली समीक्षा बैठक के प्रभावी मानिटरिंग और सुपरविजन के लिए ये अधिकारी जवाबदेह होंगे। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि संभागीय स्तर पर मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही बैठकों में दिए निर्देशों का पालन कराएंगे। जिलों में यदि कोई विषय राज्य स्तर के विभिन्न विभागों के समन्वय से संबंधित है तो इस संबंध में विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कराकर उसका निराकरण कराएंगे।
समीक्षा करने का दायित्व भी इन अपर मुख्य सचिवों का होगा।
सीएस राणा ने प्रशासनिक कसावट के लिए लगाई ड्यूटी
सीएम डॉ. यादव ने पिछले दिनों मुख्य सचिव वीरा राणा से प्रशासिनक कसावट को लेकर हुई बैठक में प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा के लिए मंत्रालय के अफसरों की ड्यूटी लगाने को कहा था। इसमें तय किया गया है कि ऐसे अधिकारी संभागीय मुख्यालय में जाकर विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे और इसकी रिपोर्ट राज्य शासन को देंगे। सीएम के निर्देश के बाद मुख्य सचिव वीरा राणा ने अपर मुख्य सचिव स्तर के अफसरों की ड्यूटी संभागीय समीक्षा के लिए लगाई है। यहा्ं गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीएम पद की शपथ के बाद फैसला किया है कि वे संभागीय स्तर पर बैठकें लेंगे और विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। सबसे पहले उज्जैन संभाग की समीक्षा सीएम यादव कर भी चुके हैं।
संभाग स्तर पर जिलों का भ्रमण करेंगे एसीएस
ऐसे मामलों को मुख्य सचिव के संज्ञान में भी लाया जाएगा। दो माह में कम से कम एक बार संभाग स्तर पर जिलों का भ्रमण कर और हर माह वीडियो कांफ्रेंसिंग से विकास कार्यों की समीक्षा करने का दायित्व भी इन अपर मुख्य सचिवों का होगा। मुख्यमंत्री जिलों को लेकर जो निर्देश देेंगे, उसका पालन कराने की जिम्मेदारी भी इन अफसरों की होगी। जिलों के लिए चिन्हित प्रमुख योजनाओं, परियोजनाओं एवं विकास कार्यों की मानिटरिंग और सुपरविजन इन अफसरों को ही करना होगा। जब भी सीएम मोहन यादव संभागीय समीक्षा बैठकें लेंगे तो ये अधिकारी उन बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
इन अफसरों को संभागों की जिम्मेदारी…
- अपर मुख्य सचिव संभाग
- मो. सुलेमान भोपाल
- विनोद कुमार जबलपुर
- जेएन कंसोटिया रीवा
- डॉ. राजेश कुमार राजौरा उज्जैन
- केसी गुप्ता ग्वालियर
- एसएन मिश्रा सागर
- मलय श्रीवास्तव इंदौर
- अजीत केशरी नर्मदापुरम
- अशोक बर्णवाल शहडोल
- मनु श्रीवास्तव चंबल