राजधानी में दम घोटू प्रदूषण एक्यूआई लेवल 300 के पार

स्वतंत्र समय, भोपाल

राजधानी भोपाल की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल 300 के पार पहुंच गया है। इसे लेकर कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा भी चिंता जता चुके हैं। उन्होंने कलेक्टर और निगम कमिश्नर के साथ मीटिंग की और प्रदूषण को रोकने के लिए इंतजाम करने की बात कही है। राजधानी में एक्यूआई बढऩे की सबसे बड़ी वजह निर्माण कार्यों के दौरान उडऩे वाली धूल है। अभी भोपाल में मेट्रो, कोलार सिक्सलेन समेत कई निर्माण चल रहे हैं। सडक़ें भी जर्जर हैं। इस वजह से भी प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इधर, पॉल्युशन रोकने के लिए जिला प्रशासन ने ईंधन से फुल टैंक कराने पर गाड़ी का पीयूसी मुफ्त करने का निर्णय लिया है। वहीं, पराली जलाने पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने की भी तैयारी है।

शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार चल रहा है। मंगलवार के आंकड़ों की बात करें तो ईदगाह हिल्स और कोहेफिजा में 308, टीटी नगर में 278 और शाहपुरा में एक्यूआई लेवल 306 पहुंच गया। यह स्थिति दिवाली की रात से भी ज्यादा है। यानी, लोग दिवाली की रात से भी ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। शहर की हवा में प्रदूषण बढऩे का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट लोगों की सेहत पर होने लगा है। अस्पतालों की ओपीडी में अस्थमा के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। जेपी और हमीदिया हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यहां आम दिनों की तुलना में दोगुने मरीज पहुंच रहे हैं। शहर में वायु गुणवत्ता मापने के लिए टीटी नगर, पर्यावास भवन और ईदगाह हिल्स में ऑटोमैटिक सिस्टम लगे हैं। इस समय तीनों ही जगह में अभी एक्यूआई 300 के पार ही चल रहा है।

इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण

राजधानी में प्रदूषण बढऩे के कई कारण है। भोपाल में दो बड़े मेट्रो और कोलार सिक्सलेन प्रोजेक्ट चल रहे हैं। सुभाष नगर से एम्स के बीच 6 किलोमीटर में मेट्रो का काम चल रहा है। वहीं, कोलार में करीब 15 किलोमीटर लंबा सिक्सलेन बनाया जा रहा है। निर्माण के चलते तोडफ़ोड़ भी की जा रही है। इस कारण धूल उड़ती है। हालांकि, सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव भी कराया जा रहा है, लेकिन यह उपाय काफी नहीं है। जानकारों के अनुसार विंड वैलोसिटी भी एक्यूआई बढ़ाने की बड़ी वजह है। यदि विंड प्रेशर अधिक होता है तो तुरंत ही एक्यूआई में गिरावट आती है। इसके अलावा दिनभर लगातार ओवर कॉस्ट कंडीशन भी बनी रहती है। इन दिनों लगातार सर्दी बढ़ रही है। इसके कारण वायुमंडल में मौजूद हानिकारक गैसें डिजाल्व नहीं हो पा रही है। इस वजह से भी एक्यूआई बढ़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान पराली जला रहे हैं। इस वजह से भी प्रदूषण फैल रहा है।

बैरसिया रोड, कोलार रोड के गांवों में यह स्थिति अधिक है। नीलबड़, रातीबड़, विदिशा रोड, होशंगाबाद रोड के गांवों में भी ऐसी ही स्थिति है। राजधानी के आसपास कई ईंट भट्टे भी हैं। जहां ईंटें पकाने के लिए भट्टों में आग लगाई जाती है। ये भट्टे काफी प्रदूषण करते हैं। इस कारण भी एक्यूआई बढ़ रहा है। राजधानी में कई वाहन पॉल्युशन बढ़ा रहे हैं। निगम समेत कई विभागों में आज भी पुराने मॉडल की गाडिय़ां चल रही है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में दौडऩे वाले ऑटो रिक्शा, मैजिक समेत कई पुराने वाहन भी प्रदूषण फैला रहे हैं।

अफसर मैदान में उतरे

राजधानी में प्रदूषण रोकने के लिए अब जिला प्रशासन के अफसर भी मैदान में उतर गए हैं। 20 नवंबर को कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा ने कलेक्टर आशीष सिंह और निगम कमिश्नर फ्रैंक नोबल ए. के साथ मीटिंग की थी। जिसमें उन्होंने बढ़ते एक्यूआई पर चिंता जताई थी और प्रदूषण पर कंट्रोल करने के इंतजाम करने को कहा था। इसके एक दिन बाद ही कलेक्टर सिंह ने जिम्मेदार अफसरों की बैठक बुलाई। जिसमें हर गाड़ी के लिए पीयूसी अनिवार्य करने का निर्णय लिया। ऐसा नहीं करने वालों पर चालानी कार्रवाई भी होगी।

पॉल्युशन के लिए धूल जिम्मेदार

शहर में बढ़ते पॉल्युशन को लेकर मंगलवार को कलेक्टर सिंह की मौजूदगी में मीटिंग हुई थी। इसमें मीटिंग में पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। अध्यक्ष अजय सिंह ने प्रदूषण बढऩे की वजह बताई थी। उन्होंने बताया कि धूल की वजह से ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है। राजधानी के बड़ा तालाब में लेक प्रिंसेस क्रूज और जलपरी मोटरबोट चलाने पर दो महीने पहले 12 सितंबर को ही रोक लग चुकी है। पर्यटन विकास निगम बड़ा तालाब में क्रूज और जलपरी के साथ करीब 20 मोटर बोट का संचालन करता था। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने डीजल इंजन से निकलने वाले उत्सर्जन को इंसानों समेत जलीय जीवों के लिए खतरा बताते हुए बंद करने का आदेश दिया था।

वायु प्रदूषण रोकने पुराने वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट की होगी जांच

राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने पुराने वाहनों के पीयूसी (पाल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट की जांच करने के निर्देश दिए हैं, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में कमी लाई जा सके। इसके लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को दोपहिया और चारपहिया समेत अन्य वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट जांचने के लिए निर्देशित किया है। इसके साथ ही सभी पेट्रोल पंपों पर अनिवार्य रुप से पीयूसी केंद्र खोलने के निर्देश भी दिए। बता दें कि ठंड का सीजन शुरू होने के साथ शहर में निरंतर वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ रहा है। इसका कारण सडक़ों पर उड़ती धूल, निर्माण कार्य और वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुंआ है। इसको लेकर सोमवार को संभागायुक्त डा. पवन शर्मा ने कलेक्टर के साथ अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें अधिकारियों से दूषित वायु के स्तर को सुधारने के लिए त्वरित कार्य योजना बनाकर तत्काल अमल करने को कहा था। इसके लिए नगर में पीयूसी जांच यूनिट की संख्या बढ़ाने और भोपाल की सभी सीमाओं से गुजरने वाले वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच अनिवार्य करने के निर्देश किए थे। जिसके बाद मंगलवार को कलेक्टर ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।

फुल टैंक पर पीयूसी सर्टिफिकेट निशुल्क

कलेक्टर ने शहर के बिगड़ते एक्यूआई स्तर को देखते हुए एवं उसमे सुधार के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, आरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पुलिस को वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच करने के निर्देश दिए। साथ ही जिन वाहनो का पीयूसी न हो, उन पर चालानी कार्रवाई के निर्देश भी दिए। इसी के साथ उन्होंने चारपहिया वाहन को फुल टैंक ईंधन भराने पर पेट्रोल पम्प संचालक वाहन की मुफ़्त पीयूसी करने की सुविधा प्रदान करेगा।