स्वतंत्र समय, ललितपुर
जिले के स्व. राजकुमार- मालती जैन के सुपुत्र युवा राजेश भैया पिछले वर्षों से ब्रह्मचारी के रूप में साधनारत थे। 25 अक्टूबर को बड़ौत नगर में विराजमान चर्या शिरोमणि आचार्यश्री विशुद्धसागर महाराज ससंघ के सानिध्य में 8 युवा ब्रह्मचारियों को दिगम्बर जैनेश्वरी मुनि दीक्षा प्रदान की। इसमें नगर के राजेश भैया को भी विधि विधान के साथ दिगम्बर मुनि दीक्षा प्रदान की। राजेश भैया की जैनेश्वरी दीक्षा के बाद आचार्यश्री ने उनका नामकरण मुनिश्री सार्थकसागरजी महाराज किया। अब वह इसी नाम से जाने जाएंगे। राजकीय अतिथि दिगंबर जैन आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ससंघ सानिध्य मे 8 बाल ब्रह्मचारियों की दिगंबर मुनि दीक्षा दी गई। दीक्षा महोत्सव से पूर्व सुबह सभी 8 दीक्षार्थियों का मुनि संघ के सहयोग से केशलोंच हुआ और उसके बाद उन्हे अमृत स्नान कराया। दोपहर मे 12 बजकर 27 मिनट पर हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मध्य आचार्य विशुद्ध सागर महाराज द्वारा दिव्य मंत्रो की के साथ दीक्षार्थियों को दीक्षा विधि संपन्न की गई। दीक्षार्थियों ने गुरु आज्ञा पर अपने सभी वस्त्र उतार कर दिगंबर रूप धारण किया। आठों दीक्षार्थियों ने आचार्यश्री के चरणों में दीक्षा हेतु श्रीफल किया व अपनी गलतियों के लिए गुरुदेव व समाज, परिवार से क्षमा मांगी।
आचार्यश्री ने दीक्षार्थियों की भावना के देखते हुए मंत्रोच्चार के मध्य उन्हें दिगंबर दीक्षा प्रदान की। उनके उत्तम स्वास्थ्य हेतु जिनेंद्र भगवान से प्रार्थना की। आचार्यश्री ने कहा कि हस्तिनापुर में 3 तीर्थंकर भगवान शांति, कुंथु, अरनाथ के कल्याणक हुए हैं बड़ौत भी उसी स्थान में आता है। दिगंबर साधु एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरण करते हैं और धर्म प्रभावना करते हैं। दिगम्बर साधु के आकाश ही वस्त्र हैं।