स्वतंत्र समय, अशोकनगर
मप्र राज्य कर्मचारी संघ की जिला इकाई ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम क्षेत्रीय सांसद डॉ.केपी यादव को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भारतीय मजदूर संघ एवं सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के अखिल भारतीय आह्वन पर सरकारी कर्मचारी और उनसे संबंधित यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले महासंघों ने 11 से 30 सितंबर तक देशव्यापी आंदोलन किया था। इस दौरान मांग की गई थी कि 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को जो एनपीएस लागू की गई है वह कर्मचारियों के लिए गारंटेड पेंशन सुविधा नहीं है इसलिए इसे समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
राज्य कर्मचारी संघ के जिला सचिव रघुवीर शर्मा ने बताया कि शासन द्वारा कर्मचारी के हितों पर पुरानी पेंशन बंद करके जो कुठाराघात किया गया है उसको शीघ्र समाप्त कर सीसीएस पेंशन नियम 1972 के तहत प्राप्त होने वाली अंतिम वेतन का 50 फीसदी का कर्मचारियों को पेंशन के रूप में भुगतान किया जाए। साथ ही समय-समय पर कर्मचारियों की वेतन रिवाइड के लिए गठित वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार मूल पेंशन में बढ़ोत्तरी का भी प्रावधान किया जाए। वर्तमान में लागू एनपीएस से कर्मचारियों को 800 से लेकर के 3600 तक के पेंशन का भुगतान होता है जो की शासन द्वारा बांटी जा रही फ्री की रेवडिय़ों से भी कम है। वृद्धावस्था में कर्मचारियों का भरण पोषण संभव नहीं है अत: मप्र राज्य कर्मचारी संघ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करता है कि कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए एनपीएस को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना सीसीएस पेंशन नियम 1972 के अनुसार लागू किया जाए। इसी के साथ राज्य कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम का भी एक ज्ञापन सांसद को सौंपा है जिसमें पटवारियों की वेतन विसंगति एवं लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर कर पटवारी संघ की वेतन ग्रेड-पे 2100 से अग्रिम क्रमोन्नत वेतनमान 2400 के स्थान पर 2800 करने की मांग की तथा लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति ग्रेड 2400 के स्थान पर 2800 करने की पुरजोर मांग की।