स्वतंत्र समय, नर्मदापुरम।
संयुक्त किसान मोर्चा के बेनर तले राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की यात्रा बुधवार को नर्मदापुरम पहुंची। इस दौरान पीपल चौक स्थित सामुदायिक भवन में पत्रकारवार्ता रखी गयी थी। पत्रकारवार्ता को राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्का जी ने कहा कि किसानों की समस्या और मांगो को लेकर पूरे मध्य प्रदेश में किसान मजदूर बचाओ यात्रा 3 अक्टूबर सु शुरु हुई है। इस यात्रा में संयुक्त किसान मोर्चा में 13 राज्यों आए विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा हरी झण्डी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ किया। 40 दिवसीय यह यात्रा अटल पथ से शुरु हुई। यह यात्रा मध्य प्रदेश के सभी जिलों में जनजागरण करते हुए कुल 5 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस दौरान यह यात्रा 15 जिलों में एक दिवसीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। प्रत्येक जिले में प्रेस वार्ता आयोजित की जायेगी।
शिवकुमार कक्का ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निरन्तर किसानों और मजदूरों के हितों की उपेक्षा की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार द्वारा 5 जून 2020 को अध्यादेश द्वारा तीन नये कृषि कानून लाये गये थे। जिनका संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देशव्यापी विरोध किया गया था। 378 दिन तक चले इस आंदोलन को केंद्र की एनडीए सरकार को वापस लेना पड़ा था। 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की थी। नये कृषि कानून वापस लेते समय केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की 5 मांगों को भी पूरा करने की प्रतिबद्धता जतलाई थी।
जिनमें फसलों की एमएसपी पर खरीदी का गारंटी कानून, ऐतिहासिक महाआन्दोलन के दौरान किसानों पर अकारण लादे गये मुकदमों की वापसी, शहीद हुए 750 किसानों को मुआवजा और उनके परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी, पराली जलाने वाले किसानों पर दण्ड का प्रावधान समाप्त करने और बिजली कानून में किसानों को विश्वास में लेने की मांगें आज दिनांक तक अधूरी हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हरित क्रांति के जनक और किसान आयोग के अध्यक्ष स्व.एमएस. स्वामीनाथन ने केंद्र सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में किसानों से एमएसपी पर फसल खरीदने की अनुशंसा की थी। केंद्र सरकार एमएसपी पर खरीदी की गारंटी का कानून बना दे तो सरकार की ओर से उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि देशभर के किसानों का करीब 20 हजार करोड़ रुपए गन्ना मिलों पर बकाया है। सरकार शुगर मिल मालिकों से किसानों की बकाया राशि वसूलने में उदार रवैया अपनाए हुए हैं जिससे किसान और उसका परिवार कर्ज में बुरी तरह से जकड़ा हुआ है। इस यात्रा में तनवीर अहमद डार, पंजाब से जगजीत दल्लेवाल, हरियाणा से अक्षय नरवाल, दिल्ली ऋषि पाल अम्बावता, उत्तराखंड मुरार सिंह, उत्तर प्रदेश विमल शर्मा, राजस्थान बबलू जापीड, गुजरात जेके पटेल, मध्य प्रदेश शिवकुमार शर्मा कक्का, महाराष्ट्र शंकर दरेकर, केरल के.वी. बीजू, ओडिशा सचिन महापात्रा, बिहार जवाहर निराला और संजय कुमार तथा झारखंड महिला संयोजिका ललिता कुशवाह शामिल है।