लाड़ली बहना योजना के लिए बजट का अभाव, नए नाम भी नहीं जोड़े जा रहे!

स्वतंत्र समय, भोपाल

पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में लागू हुई लाड़ली बहना योजना के लिए बजट का अभाव बना हुआ है और इसकी वजह से वित्तीय चुनौती बढ़ी हुई है। दिसंबर, 2023 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद जनवरी में दी जाने वाली योजना की आठवीं किस्त की व्यवस्था जैसे-तैसे हो पाई है। वित्त विभाग ने महिला एवं बाल विकास विभाग को किस्त की राशि 1,596 करोड़ रुपये जारी कर दी है। 10 जनवरी को लाड़ली बहनों के खाते में 1,250 रुपये के हिसाब से यह राशि अंतरित की जाएगी, लेकिन फरवरी की किस्त को लेकर विभाग अभी से चिंतित है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने वित्त विभाग से फरवरी की किस्त जारी करने के लिए बजट मांगा है। इधर, वित्त विभाग पहले ही 38 से अधिक योजनाओं में बिना अनुमति के वित्तीय आहरण पर रोक लगा चुका है।

30 लाख लाड़ली बहनें

लाड़ली बहना योजना की पहली किस्त मई, 2023 में जारी की गई थी। तब से अब तक आठ किस्त जारी की जा चुकी है। मध्य प्रदेश में योजना की शुरुआत में एक करोड़ 31 लाख लाड़ली बहना थीं। इनमें कुछ की मृत्यु होने या 60 साल से अधिक होने के कारण हितग्राहियों की संख्या कुछ घटकर एक करोड़ 30 लाख हो गई है। बता दें, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मई में लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की थी, जिसमें 1000 रुपये प्रतिमाह से धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 हजार रुपये देने की घोषणा की गई थी। इसमें छठवीं किस्त में लाड़ली बहनों के खाते में 1,250 रुपये अंतरित किए गए थे। इसके बाद से इतनी ही राशि दी जा रही है।

नई लाड़ली बहनों को जोड़ने पर रोक

चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसभा में कहा था कि लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जो बहनें आवेदन करने से चूक गईं, उनके लिए भाजपा सरकार बनने के बाद तीसरा चरण शुरू किया जाएगा। इसके तहत 21 से 23 वर्ष की छूटी हुई लाड़ली बहनें या फिर जिनके पास ट्रैक्टर नहीं है या जिनकी उम्र 24 से 60 के बीच है, उन्हें शामिल किया जाएगा, लेकिन नई सरकार ने फिलहाल योजना में नई लाड़ली बहनों को जोडऩे पर रोक लगा रखी है। यह अभियान चुनाव के बाद चलाया जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने के बाद नई सरकार में नए समीकरण बनने से योजना में नए पात्र नहीं जोड़े जाएंगे।