लोक अदालत में 656 लंबित प्रकरणों का निराकरण

स्वतंत्र समय, भिण्ड

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड सुरभि मिश्रा के निर्देशानुसार एवं विशेष न्यायाधीश/ समन्वयक अधिकारी नेशनल लोक अदालत डीपी मिश्र तथा जिला न्यायाधीश/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड हिमांशु कौशल के मार्गदर्शन में किया गया।
नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 27 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिनमें सुलहकर्ता सदस्य के रूप में नामित अधिवक्ताओं द्वारा अभूतपूर्व सहयोग प्रदान किया गया। जिसके फलस्वरूप जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार में लंबित कुल 656 न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें कुल 1289 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा 85 लाख 79 हजार 314 राशि का अवार्ड पारित किया गया।
उक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन जिनमें जलकर, संपत्ति कर, विद्युत, बीएसएनएल, बैंक आदि के कुल 1196 प्रीलिटिगेशन प्रकरण का निराकरण किया गया, जिसमें 1387 व्यक्तियों को लाभांवित किया गया तथा उक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में कुल 82 लाख 93 हजार 182 रुपए राशि वसूल की गई। वर्ष 2023 की अंतिम नेशनल लोक अदालत में गठित खण्डपीठों द्वारा कई मामलों में पक्षकारों के मध्य आपसी कटुता को समाप्त करते हुए दोनों पक्षों को मिलाने का कार्य किया गया तथा सफल प्रकरणों में पक्षकारों को पौधे भेंट कर उन्हें जीवन में विवाद को समाप्त करने तथा शांतिपूर्वक सुखी एवं समृद्ध जीवन व्यतीत करने की सलाह भी दी गयी।

लोक अदालत में टूटा हुआ परिवार फिर से जुड़ा

खण्डपीठ क्र.14 के पीठासीन अधिकारी एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश लहार दिनेश कुमार शर्मा के न्यायालय में लंबित एक प्रकरण जिसमें पवन राठौर निवासी वार्ड क्र.चार रौन का विवाह रचना देवी उर्फ रिचा निवासी ग्राम सतरहजू, जिला जालौन के साथ 29 जून 2021 को संपन्न हुआ था। वर्ष 2022 में रचना देवी की दादी जी का देहांत हो गया, उस समय रचना के पिता ने एक लाख 70 हजार रुपए पवन राठौर से उधार ले लिए थे और उसी रुपए के लेन-देन पर से पवन राठौर व रचना देवी के पिता के मध्य वैचारिक मतभेद शुरू हो गए, जिसका प्रभाव पवन राठौर व रचना देवी के वैवाहिक जीवन पर पड़ा और 15 जून 2023 को रचना देवी के पिता, उसका भाई व बहनोई उसकी ससुराल रौन पहुंचे और रचना से कहा कि उसकी माताजी का स्वास्थ्य खराब है तथा पवन से रचना को मायके भेजने के लिए कहा, तब रचना अपने पिता, भाई एवं बहनोई के साथ अपने मायके चली गई। उसके बाद जब पवन दो जुलाई 2023 को रचना को लेने के लिए उसके मायके पहुंचा तो उसके पिता व रचना ने ससुराल आने से मना कर दिया और कई प्रयास करने के बावजूद वह वापस ससुराल नहीं आई, तब व्यथित होकर पवन राठौर ने जिला न्यायाधीश लहार के न्यायालय में धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम के उपबंधों के अधीन दांपत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के अनुतोष हेतु याचिका प्रस्तुत की।
पवन राठौर व रिचा न्यायालय में उपस्थित हुए उनको न्यायालय में अधिवक्ता अरुण प्रताप सिंह तथा दोनों पक्ष के संभ्रांत व्यक्तियों तथा न्यायालय ने समझाइश दी, जिसका प्रभाव यह हुआ कि दोनों पक्षकार राजीनामा करने और साथ में रहकर दांपत्य कर्तव्यों का निर्वाहन करने के लिए सहमत हो गए और शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में राजीनामे के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया। पति-पत्नी साथ रहकर दांपत्य जीवन का निर्वाहन करने के लिए तैयार हुए तथा प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त किए जाने का निवेदन किया। इस प्रकार लोक अदालत के समक्ष दोनों पक्षों द्वारा दांपत्य जीवन का निर्वाहन स्वेच्छापूर्वक करने के आधार पर प्रकरण समाप्त किया गया तथा एक टूटते हुए परिवार को फिर से एक कर पति-पत्नी को दांपत्य जीवन की नई पारी की शुरुआत करने के लिए शुभकामनाएं दीं तथा पति-पत्नी ने एक-दूसरे को फूल-मालाएं पहनाईं, इसके बाद दोनों साथ-साथ न्यायालय से खुशी-खुशी अपने घर के लिए रवाना हुए।