वर्षों से अधर में लटके सोन नदी के तीन पुल, आवाजाही में जोखिम

स्वतंत्र समय, शहडोल

संभाग में सोन नदी केे तीन बड़े पुल ऐेसे हैं जो वर्षों से स्वीकृत हैं और उनमें शुरुआत का कुछ काम भी हुआ लेकिन उसके बाद उनमें काम बंद कर दिया गया और आज तक वे ज्यों के त्यों पड़े हैं। जिससे आने जाने वालों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान चुनावों से विधायक बन कर आए जनप्रतिनिधि वर्षों पुरानी इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता से लेकर इनका निर्माण करा सकते हैं। यह जनहित की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम होगा। जनप्रतिनिधियों ने कभी भी ऐसी समस्याओं की ओर न तो ध्यान दिया और न अधिकारियों ने शासन के समक्ष मांगपत्र प्रस्तुत किया।

विजयसोता व नवलपुर में परेशानी

विजयसोता सोन नदी से होकर करीब 150 गांव के लोग आना जाना करते हैं। यहां तो नाव लगती है, लोग नाव से पार उतरते हैं। बताया जाता है कि ग्रामीण नदी तक अपनी सायकिल व बाइक में आते हैं फिर उसे नाव में लाद कर दूसरी ओर ले जाते हैं, फिर दूसरी ओर का सफर तय करते हैं। बरसात के समय इन ग्रामीणों को आवाजाही की कितनी समस्या झेलनी पड़ती होगी यह सहज ही अनुमानित है। यह पुल वर्षों से स्वीकृत पड़ा है लेकिन आज तक इसके निर्माण को लेकर कभी भी गंभीरता नहीं बरती गई। ब्यौहारी विधायक शरद कोल इस कार्य को प्राथमिकता से लेकर पूर्ण करा सकते हैं। नवलपुर के पुल में भी समस्याएं आ रही हैं। बरसात के समय आना जाना कठिन हो जाता है। विधायक इस पुल की जानकारी लेकर इसे पूर्ण कराने हेतु पहल कर सकते हैं।

बरसात में आवाजाही की समस्या

चचाई के समीप जो पुल है उसके आसपास करीब 50 गंाव स्थित हैं, जिनका आना जाना उसी रास्ते से होता हैं। सबसे खास बात यह है कि इनमें से लगभग 20 गांवों के बच्चों के लिए हायरसेकण्डरी स्कूल की सुविधा केवल चचाई थर्मल पावर हायरसेकण्डरी स्कूल से पूर्ण होती है। बच्चे मीलों दूर का सफर तय कर रोजाना यहां पढऩे आते हैं और नदी के पानी में उतर कर स्कूल जाते हैं। नदी में जब पानी कम रहता है तब तो आना जाना किया जा सकता है लेकिन बरसात में सोन के बढऩे से यह संभव नहीं रह जाता है। रोज यहां नाव भी नहीं रहती है, बीते वर्ष नदी में किनारे तक पहुंचते हुए नाव पलट गई थी और एक दर्जन बच्चे पानी में गिर गए थे। लेकिन नाव चूंकि किनारे के समीप पहुंच गई थी इसलिए सब बाल बाल बच गए थे।

यहां स्थित हैं स्वीकृत पुल

सोन नदी का एक पुल शहडोल जिले में नवलपुर के समीप स्थित है। जिसमें वर्षों पहले काम भी शुरू हुआ लेकिन आज तक पुल पूर्ण नहीं हुआ। एक बार काम शुरू हुआ लेकिन किसी विवाद के चलते बंद कर दिया गया और आज तक शुरू नहीं हुआ। दूसरा पुल ब्यौहारी विजयसोता में सोन नदी का है जिसमें एक अरब से ज्यादा राशि वर्षों पहले स्वीकृत हुई लेकिन आज तक निर्माण नहंीं हुआ। तीसरा पुल अनूपपुर जिले में चचाई के समीप स्थित है। जहां थोड़ा सा काम होने के बाद अचानक काम बंद कर दिया गया था और आज तक काम शुरू नहीं हुआ।