स्वतंत्र समय, मंदसौर
कांग्रेस जिले में कितनी सीटों पर विधानसभा चुनाव जीत पाएगी यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन जहां प्रदेशभर में दोनों दलों में विधायकी को लेकर जंग छिड़ी हुई है वहीं मंदसौर जिला कांग्रेस में जिलाध्यक्षी की कुर्सी को लेकर पीसीसी के एक पत्र ने अंदरूनी युद्ध छेड़ दिया है।
दरअसल कांग्रेस नेता मनजीतसिंह टूटेजा(मनी) को एक रात का जिलाध्यक्ष बनाया गया सुबह यह निर्णय स्थगित हो गया। इधर, वर्तमान जिलाध्यक्ष और मंदसौर से कांग्रेस के प्रत्याशी विपिन जैन की माने तो उन्हें जिलाध्यक्ष तो चाहिए लेकिन प्रभारी स्थाई नहीं। क्योंकि वे खुद की उम्मीदवारी को लेकर अन्य सीटों पर समय देने में अक्षम है। जिलाध्यक्षी के इन अंदरूनी युद्ध पर दोनों नेताओं से स्वतंत्र समय ने 1-टू-1 भी की है। तकरीबन 7 माह पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक नवकृष्ण पाटिल को हटाते हुए आला कमान ने विपिन जैन को जिला कांग्रेस की आसंदी से नवाज़ा था और इसके बाद उन्हें टिकट भी दे दी गई। जबकि जिला कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में मनजीत भी लगे हुए थे, लेकिन ऐन समय पर जैन को जिलाध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद भी मनजीत ने कहीं अपने आपको साबित करने का प्रयास नहीं किया।
किन्तु अब एन चुनाव के पहले बुधवार शाम को एक पत्र जारी करके मनजीतसिंह मनी को जिलाध्यक्ष बनाया जाता है और सुबह पहली यही निर्णय स्थगित कर दिया जाता है, जिससे कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर हताशा है। इसका मलाल कहीं न कहीं सालों से संगठन की सेवा कर रहे मनी को भी अंदर ही अंदर है लेकिन वे फिर भी यही कह रहे हैं अंतिम सांस तक कांग्रेस के हर निर्णय का सम्मान करूंगा। बात यदि कांग्रेस के पक्ष की करें तो मनी को जिलाध्यक्षी देना एक महत्वपूर्ण और अच्छा निर्णय साबित हो सकता था।।क्योंकि मनी एक युवा और निर्विवाद चेहरा होकर ऊर्जा से लबरेज है। यही ऊर्जा कांग्रेस की चारों सीट पर के लिए एक पॉवर बैंक का काम तो करती ही वहीं खुद चुनाव लड़ रहे जिलाध्यक्ष विपिन जैन को कहीं नहीं संगठन के तनाव को छोडक़र शुद्ध रूप से मंदसौर विस पर कांग्रेस की जीत पर ध्यान देने के भी अवसर मिलता। आईए जानते हैं विस जैसे महत्वपूर्ण चुनाव के एन पहले कांग्रेस में हुए इस घटनाक्रम पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन जैन और एक रात के जिलाध्यक्ष रहे मनजीतसिंह मनी का क्या कहना है।
प्रभारी जिलाध्यक्ष की जरूरत : विपिन जैन
क्या प्रभारी जिलाध्यक्ष की आवश्यकता महसूस हो रही है?
बहुत सी जगह प्रत्याशी का काम जिला कांग्रेस अध्यक्ष करता है। सभाएं करवानी, बड़े नेताओं के आगमन की तैयारी, ईवीएम, इलेक्शन से सम्बंधित काम है तो कहीं न कहीं हमें प्रभारी और इस टाइप से काम तो विभाजित करना पड़ेगा। क्योंकि अब मेरे दौरे चालू हो जाएंगे तो चारों सीटों का काम देखने में दिक्कत तो आएगी, तो हम प्रभारी बना देंगे और जवाबदारी दे देंगे बाकी चुनाव हमारा संगठन लड़ ही रहा है।
चुनाव के एन पहले जिलाध्यक्ष पद पर नाम परिवर्तन और फिर निर्णय परिवर्तन आपका क्या कहना है?
मुझे भी अभी सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कि मंजीतसिंहजी को मेरी जगह प्रभार दिया था। चूंकि मैं जिला कांग्रेस का अध्यक्ष हूँ और अभी विस चुनाव भी लड़ रहा हूँ। ऐसे में कहीं न कहीं ये जिम्मेदारी प्रभावित तो होगी। किन्तु अभी फिर से एक लेटर आया है कि आपको अपनी जिम्मेदारी निभाना है, सो मैं अपनी जिम्मेदारी निभाउंगा।
मनजीतसिंह मनी की नियुक्ति थी या प्रभार था?
नहीं अभी मैंने लेटर देखा नहीं है, लेकिन कांग्रेस में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति दिल्ली से होती है एआईसीसी करता है। वैसे भी मनजीत भाई कांग्रेस का काम कर ही रहे हैं वे प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि भी है।
इस घटनाक्रम से चुनाव में कितना इफेक्ट मानते हैं?
नहीं ऐसा कुछ नहीं ये तो हमारा पारिवारिक मामला है। हां लेकिन काम तो हमें बांटना ही पड़ेगा। क्योंकि जिलाध्यक्ष पद की अपनी काफी जिम्मेदारी रहती है, तो किसी न किसी को यह जिम्मेदारी तो देनी हो पड़ेगी।
संगठन का निर्णय सर्वोपरीः मनजीतसिंह मनी
खुद जिला कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में क्या प्रभारी जिला कांग्रेस की जरूरत महसूस करते हैं?
खुद जिलाध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में आवश्यकता तो मेहसूस हो रही है। किन्तु कहीं न कहीं हमारे वरिष्ट नेतृत्व को।ऐसा लगा होगा कि अभी विपिनजी काम कर सकते हैं, चुनाव में समय कम बचा है इसको लेकर उनने यह निर्णय लिया होगा।
आपको एक रात का जिलाध्यक्ष बनाने के बाद सुबह फिर हटा दिया। आपका क्या कहना है?
प्रदेश कांग्रेस द्वारा कल मुझे एक पत्र प्राप्त हुआ था, कि आपको जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है, जिसके लिए मैं लंबे समय से लगा हुआ था। पूर्व में जब जिलाध्यक्ष पद से नवकृष्णजी पाटिल को चेंज करने की प्रक्रिया चली तब भी मुझे कहा गया था कि सम्भवत: आप जिलाध्यक्ष बन रहे हैं। फिर विपिनजी जैन की नियुक्ति हुई थी और इसके बाद एक प्रक्रिया थी कि चुनावी वर्ष और विधानसभा चुनाव है इस प्रक्रिया के तहत कहीं मेरी नियुक्ति हुई थी। अब मुझे जानकारी दी गई है कि चुनाव होने के कारण इस निर्णय को अभी रोका गया है। संगठन का निर्देश मेरे लिए सर्वोपरि है।
आप कांग्रेस के एक आम कार्यकर्ता है इस निर्णय के चुनाव पर कितना इफेक्ट मानते हैं?
नहीं चुनाव पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ेगा। प्रत्येक कार्यकर्ता से मेरा ये आग्रह है कि कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है कमलनाथजी मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। हम सब लोगों को एकजुट होकर चुनाव लडऩा है।
आपकी नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर करीब 100 मण्डलम अध्यक्षों के इस्तीफे की खबरें चली?
नहीं ऐसा कुछ नहीं है सब गलत है। आपके पास ऐसी कोई सूची आई हो तो मुझे बताएं। कांग्रेस परिवार पूरा एकजुट है।