स्वतंत्र समय, श्रीधाम
विगतदिवस समीपवर्तीधार्मिक स्थल परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर स्थित मेला ग्राउंड में ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर श्रीमद् भागवत महापुराण कथा सुनते हुए परमाराध्य परमधर्माधीशउत्तराम्नाय ज्योतिष् पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमपूज्य शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराजजी ने अपनी अमृत मय वाणी से धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहाकि चलना दो प्रकार से होता है,एक बिना लक्ष्य को निर्धारित किए तेली के बैल की भाँति औरदूसरा सही लक्ष्य निर्धारित करके,तेली का बैल दिनरात चलते रहने पर भी कहीं नहीं पहुँच पाता,वहीं दूसरी और जो व्यन्ति लक्ष्य निर्धारित करके चलता है वह अपने गन्तव्य की ओर पहुँचजाता है,संसार की अन्य सभी विद्याएं हमें उस परपतत्व की ओर ले जाने में समर्थ नहीं हैं केवल आत्मविद्या ही ऐसी विद्या है जो हमें हमारे सही गन्तव्य तक पहुँचाती है।
आगे पूज्य महाराजश्री ने कहा कि गृहस्थ लोग सन्तों की परीक्षा लेते रहते है,सन्त जब उनके घर पहुंचते है तो उनके सामने स्वादिष्ट भोजन परोसकर यह देखते हैकि सन्त किस पदार्थ को कितनी रुचि से खा रहे हैं,इसी से उनको सन्तों के संयमी होने का पता चल जाता है क्योंकि यह माना जाता हैकि जिह्वा पर जिसका नियन्त्रण रहता है वह अन्य विषयों में भी संयमी होता है।
पूज्यपाद शंकराचार्यजी प्रवचन के पूर्व परमपूज्य शङ्कराचार्यजी महाराज भागवत कथा पंडाल पर दोपहर 3:30बजे पर पहुंचे जहाँ पर संस्कृत विद्यापीठ गुरुकुल एवं बनारस में अध्ययनरत छात्रों के द्वारा पूज्य शंकराचार्य जी महाराज का हर हर महादेव एवं जय गुरु देव के जयघोष के साथ स्वागत किया पूज्य महाराजा श्री ने मंच पर पहुंचतेही सर्वप्रथम ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाराजजी के तैलचित्र पर पूजन अर्चन किया उसके उपरांत व्यासपीठ पर आसीन हुए जहां पर श्रीमद भागवतकथा के यजमान विधानसभा भाजपा प्रत्याशी महेंद्र नागेश श्रीमती विनीता नागेश गोटेगांव श्रीमती शोभापांडे वाराणसी गिरजाशंकर जी पांडे प्रतापगढ़,डब्बलसिंह,श्रीमती बेनीवाई पटेल हरि सिह श्रीमती पार्वतीबाईपटेल मवई बालाप्रसाद श्रीमती रूपाबाई झरिया मुकेश श्रीमती नन्हीबाई झरिया गौरतला ने श्रीमद् भागवत कथा का पूजन अर्चनकर पूज्य शंकराचार्य जी महाराज का आशीर्वाद लिया मंच पर भजनो की प्रस्तुति की मवई की महिलाओं एव कनुभाई के द्वारा की गई शंकराचार्य सेवा सम्मान से ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी की सेवा में जो लगे रहे उनको पूज्य ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्यजी महाराज ने सम्मानित किया गया।