स्वतंत्र समय, इंदौर
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों में एक महीने से भी कम का समय बचा है लेकिन इंदौर जिले की नौ विधानसभा में से छह शहरी सीटों पर अब तक चुनावी माहौल नहीं बन पाया है। शहर की छह में से तीन सीटों पर अब तक दोनों पार्टियां अंतिम उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है लेकिन तीन सीटों पर उम्मीदवार घोषित होने के बावजूद चुनाव आयोग की सख्ती का असर साफ नजर आ रहा है। बैनर-पोस्टर, होर्डिंग्स अभी तो लगभग गायब ही नजर आ रहे हैं। संभवत: बची हुई तीनों शहरी सीट पर एक-दो दिन में उम्मीदवार घोषित होने और फार्म भरने के बाद ही शहरी क्षेत्र में प्रचार-प्रसार दिखेगा। झंडे, बिल्ले, लडिय़ां, होर्डिंग्स, बैनर, दीवारों पर नारे, स्लोगन, माइक और गाडिय़ों का शोर.. इसके बिना चुनाव की कल्पना ही नहीं हो सकती है। अगर चुनाव में प्रत्याशी घोषित हो चुके हो और मतदान में एक महीने से भी कम का समय बचा हो तो यह सब नहीं हो तो चुनाव है भी नहीं, यह लगता ही नहीं है। मध्यप्रदेश में चुनाव की तारीख निश्चित हो चुकी है लेकिन इंदौर शहर में प्रचार-प्रसार अभी तक जोर नहीं पकड़ पाया है। अभी केवल रूठों को मनाने और अपनों को काम पर लग जाने वाला प्रचार चल रहा है।
भाजपा राऊ में प्रचार में आगे
विधानसभा के हिसाब से देखें तो राऊ विधानसभा में मधु वर्मा को काफी समय पहले प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। उन्होंने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है। शहरी क्षेत्रों जैसे राजेन्द्र नगर से लेकर नर्मदा नगर तक में उनके बैनर-पोस्टर नजर आने लगे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी प्रमुखता से प्रचार में जगह मिल रही है। उनके कटआउट तक लगे हुए हैं। उनके सामने कांग्रेस ने अपने अधिकृत उम्मीदवार के रूप में वर्तमान विधायक जीतू पटवारी का नाम घोषित किया है लेकिन उनका प्रचार अभी आरंभ नजर नहीं आता है। वैसे भी पटवारी वन-टू-वन मार्किंग में काम करते हैं। इस क्षेत्र में दोनों ही प्रत्याशियों को अपनों का कोई विरोध नहीं सहना पड़ा है, इस कारण सीधा फोकस मतदाताओं पर है।
विधानसभा में दोनों ही पार्टियां आक्रामक प्रचार-प्रसार करेंगी
विधानसभा क्रमांक दो में कद्दावर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय अधिकृत उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने वर्तमान विधायक संजय शुक्ला की उम्मीदवारी घोषित हो चुकी है। अपनी उम्मीदवारी घोषित होते ही कैलाशजी ने प्रचार आरंभ कर दिया है लेकिन उनका प्रचार अभी बैनर-होर्डिंग्स पर नहीं आया है। वो क्षेत्र में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकत्रित कर चुनावी योजना बनाने में व्यस्त हैं। मतदाताओं तक पहुंचने का काम संभवत: इस हफ्ते से आरंभ हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर संजय शुक्ला अपनी तैयारी सालों से कर रहे हैं। हालांकि अब उन्हें प्रचार-प्रचार का तरीका बदलना पड़ेगा, क्योंकि उनकी तैयारी और योजना कैलाशजी के हिसाब से नहीं थी। यह तय है कि इस विधानसभा में दोनों ही पार्टियां आक्रामक प्रचार-प्रसार करेंगी।
चार में कांग्रेसी विरोध का असर
विधानसभा क्रमांक चार में भाजपा की वर्तमान विधायक मालिनी गौड़ प्रत्याशी घोषित होने के बाद से योजना बनाने औऱ बैठकों में लगी हैं। यहां पर टिकट देरी से घोषित होने के कारण यह स्थिति बनी है। दूसरी ओर कांग्रेस ने राजा मंधवानी को टिकट दिया है, जो अभी अपनों से ही पार नहीं पा पाए हैं। यहां से प्रबल दावेदार एक अन्य कांग्रेसी अक्षय कांति बम के समर्थक लगातार उनकी दावेदारी का विरोध कर रहे हैं। उन्हें कितना सहयोग मिलेगा और किस तरह वो चुनाव लड़ते है, उस आधार पर ही आगे की रणनीति तय होगा। हां, इतना जरूर तय है कि उन्हें काफी मुश्किल आने वाली है क्योंकि विधानसभा क्षेत्र काफी बड़ा है और एक महीने से भी कम का समय बचा है।
दोनों प्रत्याशी पहले से प्रचार में
विधानसभा क्रमांक दो में भाजपा विधायक रमेश मेंदोला और कांग्रेस पार्षद चिंटू चौकसे का मुकाबला विधायक के लिए है। दोनों ही प्रत्याशी काफी समय अपने प्रचार में लगे हैं। दोनों को पता था कि वे ही उम्मीदवार होंगे, इसलिए उस हिसाब से योजना भी बन चुकी है। अब तैयारी आक्रामक प्रचार की है तो वह संभवत: चुनावी फार्म भरने के बाद ही देखने को मिलेगा। वो घर-घर जाकर और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रचार का काम टिकट की अधिकृत घोषणा होने के पहले से ही शुरू कर चुके है।
तीन-पांच में बदले समीकरण
शहर के मध्य की सबसे हॉट सीट विधानसभा क्रमांक तीन बन गई है। यहां से भाजपा के वर्तमान विधायक आकाश विजयवर्गीय हैं लेकिन उनका टिकट कटने की स्थिति के कारण नए दावेदार जोर आजमाइश कर रहे हैं। अभी तक किसी का नाम फाइनल नहीं हुआ है, इस कारण प्रचार तो शुरू होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। कांग्रेस में भी यही स्थिति है। पिंटू जोशी और अरविंद बागड़ी के बीच प्रत्याशी बनने के लिए कमशकश चल रही है। कांग्रेस संभवत: भाजपा के नाम की प्रतीक्षा कर रही है। राजबाड़ा से लेकर जेल रोड, जूनी इंदौर, सरवटे बस स्टैण्ड जैसे ठेठ शहरी क्षेत्र इस विधानसभा में आते हैं। आकाश विजयवर्गीय ने पहले से इस क्षेत्र में तैयारी कर रखी थी, लेकिन अंतिम समय में नाम कटने की स्थिति और कांग्रेस उम्मीदवार फाइनल नहीं होने के कारण अब तक इस कारण शहरी क्षेत्र पूरी तरह चुनावी रंग में रंगा हुआ नहीं दिख रहा है।