स्वतंत्र समय, इंदौर
एक ओर शहर मुंबई की तर्ज पर मिनी मुंबई का दर्जा पा रहा है तो शहर में वाहनों की संख्या प्रतिवर्ष लगातार बढ़ती जा रही है। शहर में विकास भी हो रहा है लेकिन जिस तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उससे लगातार ट्रैफिक और अन्य समस्याएं भी हो रही है। इससे बचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और भी ज्यादा सुदृढ़ करने की जरूरत दिख रही है। शहर की आबादी करीब 40 लाख है तो वाहनों की संख्या 13 लाख पार कर गई है। यह इंदौर शहर में रजिस्टर्ड वाहन हैं और इंदौर के बाहर रजिस्टर्ड लेकिन शहर में चल रहे वाहन अलग हैं। इस साल वाहनों की संख्या पर नजर डालें तो पिछले 2022 में पूरे साल में जितने वाहन रजिस्टर्ड हुए थे, उससे कहीं ज्यादा नवंबर तक ही रजिस्टर्ड हो चुके हैं। दिसंबर में आंकड़ा और भी ज्यादा बढऩे की पूरी उम्मीद है। अब शहर में वाहनों की संख्या लाखों में हो चुकी है।
इंदौर आरटीओ 2023 के 11 महीने में नवंबर तक में पौने दो लाख के करीब वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। संख्या के लिहाज से देखें तो यह पिछले साल 2022 की तुलना में करीब 11 हजार अधिक हैं। इसमें सबसे अधिक दोपहिया और कारें रजिस्टर्ड हुई हैं। अकेले नवंबर में 26 हजार से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। इस वर्ष नवंबर तक एक लाख 72 हजार 969 वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं, जबकि गत वर्ष एक लाख 61 हजार 973 वाहन रजिस्टर्ड हुए थे। गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 10996 वाहन अधिक रजिस्टर्ड हुए हैं।
सबसे ज्यादा टू-व्हीलर
इंदौर में इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। इसमें सबसे अधिक एक लाख 13 हजार 807 टू व्हीलर वाहन बिके हैं। कारों की बिक्री भी दूसरे नंबर पर रही। 11 महीने में आरटीओ में 42 हजार 624 कारों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। वहीं 4336 मालवाहक वाहनों की बिक्री हुई है। इसी अवधि में 3515 ई-रिक्शा भी रजिस्टर्ड हुए हैं।
मुश्किल हो जाएगा निकलना
जिस गति से इंदौर में वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से आगामी कुछ साल में यहां पर वाहनों के निकलने या पार्किंग की व्यवस्था नजर नहीं आती है। अभी भी शहर के अधिकांश क्षेत्रों और खासकर राजबाड़ा, सराफा, सीतलामाता बाजार जैसे पुराने शहर में तो वाहनों का निकलना मुश्किल काम है। वहीं शहर की प्रमुख सडक़ जवाहर मार्ग से वाहनों पर जाम और भीड़ साफ नजर आती है। शहर के कई अन्य क्षेत्रों में भी यही स्थिति है। अगर इस पर रोक लगाना है तो सार्वजनिक वाहनों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उनके रूट और उपलब्धता को भी आसान करना होगा। अन्यथा शहर में लोगों का निकलना मुश्किल हो जाएगा।
ऐसे बढ़ रही वाहनों की संख्या (इस साल नवंबर तक रजिस्ट्रेशन)
दोपहिया 113807
कार 42624
गुड्स कैरियर 4336
पैसेंजर ई-रिक्शा 3515
पैसेंजर थ्री-व्हीलर 2164
गुड्स थ्री व्हीलर 1323
ट्रैक्टर 1842
मोटर कैब 897
गुड्स ई-रिक्शा 413
एडाप्टेड व्हीकल 390
स्कूल-कॉलेज बस 320
लक्जरी बस 320
लक्जरी कैब 242
कंस्ट्रक्शन वाहन 232
ओमनी वैन 215
डंपर 140
बस 104
अन्य वाहन 405
कुल 172969
प्रतिवर्ष वाहनों की संख्या
2020 108407
2021 116563
2022 161973
2023 172969
… (नवंबर तक)