स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चौथे शासनकाल की आखिरी कैबिनेट बैठक 30 नवंबर को सुबह 11.15 बजे मंत्रालय में बुलाई गई है। इसमें सभी मंत्रियों के साथ सीनियर अधिकारियों को भी बुलाया गया है। कैबिनेट का कोई एजेंडा नहीं है। इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बीजेपी की जमीन खिसक गई है, इस कारण प्रभारी मंत्रियों और अधिकारियों के माध्यम से चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं। यह बीजेपी की मतगणना में दबाव डालने की कोशिश है। बिना एजेंडे की बैठक बुलाने का मकसद यही है कि हालत खस्ता है। कैसे अधिकारी-कर्मचारियों पर दबाव डाला जाए। उन्होंने कहा कि बालाघाट में तारीख के पहले पोस्टल बैलेट की छंटनी करके हेराफेरी करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा को वोट नहीं किया है, इसलिए अधिकारी सजग हैं, ये कुछ कर नहीं पाएंगे। स्ट्रॉन्ग रूम में 24 घंटे हमारे एजेंट्स अलर्ट हैं।
10 साल में मतगणना से पहले कभी नहीं हुई कैबिनेट
पूर्व मंत्री शर्मा ने कहा कि मतगणना से 3 दिन पहले पिछले 10 साल में कोई कैबिनेट बैठक नहीं हुई है। आचार संहिता के दौरान मुख्यमंत्री कैबिनेट बैठक बुला सकते हैं, लेकिन कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते। यह बैठक मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की विदाई को लेकर बुलाई जाना बताई जा रही है। अगर विदाई देना ही है तो तीन दिसंबर के बाद या नई सरकार के साथ समारोह पूर्वक करना चाहिए।
बैठक में बैंस की हो सकती है विदाई
कैबिनेट बैठक में मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को विदाई दी जा सकती है। उनके दूसरे एक्सटेंशन की मियाद 30 नवंबर को पूरी हो रही है। नई मुख्य सचिव वीरा राणा हो गई हैं। मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल 30 नवंबर को पूरा हो जाएगा। बैंस के बाद एमपी में पदस्थ आईएएस में वीरा वीणा सबसे सीनियर अधिकारी हैं।
बैंस को दो बार दिया गया एक्सटेंशन
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को 30 नवंबर 2022 को रिटायर होना था, लेकिन इसके ठीक एक दिन पहले 29 नवंबर की रात उन्हें 6 महीने के लिए 30 मई 2023 तक एक्सटेंशन दे दिया गया। जब 30 मई करीब आई तो मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय करीब था। ऐसे में इकबाल सिंह बैंस को दोबारा 6 महीने के लिए 30 नवंबर 2023 तक विस्तार दिया गया।