स्वतंत्र समय, अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है। राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मनमोहक श्यामरंगी मूर्ति ही स्थापित होगी। यह घोषणा मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने एक कार्यक्रम में की।
हालांकि, चंपत राय ने यह खुलासा नहीं किया कि गणेश भट्ट और अरुण योगीराज में से किसकी मूर्ति का चयन गर्भगृह के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी से राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। 18 जनवरी की दोपहर रामलला की चयनित प्रतिमा को गर्भगृह में बने आसन पर स्थापित कर दिया जाएगा। भगवान विष्णु का अवतार होने के कारण इसमें देवत्व है। प्रतिमा राजा का पुत्र होने के साथ ही पांच वर्ष के बालक की है। इसकी ऊंचाई 51 इंच की है। यह डेढ़ टन वजनी है। उन्होंने बताया कि श्यामल पत्थर की होने की वजह से दुग्ध और जल के स्नान से प्रतिमा पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। स्नान के जल का आचमन करने से श्रद्धालुओं के शरीर पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि तीनों मूर्तिकारों की प्रतिमाओं को पूरे सम्मान के साथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा हो गया है। अब प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है। अनुष्ठान करवाने वाले आचार्यों की टीम पहुंच चुकी है। यज्ञ मंडप तैयार हो गया है। यज्ञ कुंड तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रामलला के दर्शन का समय बढ़ाया जाएगा। अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के तौर पर मौजूद रहेंगे।