स्वतंत्र समय, भोपाल
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद अब हार-जीत के गणित लगने लगे हैं। पीसीसी चीफ कमलनाथ अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची बनवा रहे हैं। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि भाजपा का हथियार बनकर काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी लोकतंत्र के हत्यारे हैं। रणनीति बनाएंगे कि इनके साथ कैसा व्यवहार हो, कहां पदस्थापना की जाए। वर्मा ने कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय हार रहे हैं। उन्होंने विजयवर्गीय को सलाह भी दी थी कि टिकट वापस ले लें, मोदी और शाह आपसे बदला ले रहे हैं। सज्जन वर्मा सोनकच्छ (देवास) से कांग्रेस प्रत्याशी हैं।
वर्मा ने कहा कि अफसरों – कर्मचारियों की सारी सूची कमलनाथ के पास आती जा रही है। एक-दो दिन में सारे लोगों के नाम आ जाएंगे। अखिल भारतीय सेवा के अफसरों पर सबूतों के साथ डीओपीटी (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) को जानकारी देकर कार्रवाई कराने के सवाल पर वर्मा ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। पीसीसी चीफ कमलनाथ रिपोर्ट देखेंगे। इसके बाद कोर ग्रुप के साथ मंथन कर निर्णय लेंगे कि क्या किया जाना है। वर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थर्ड पोजिशन पर रहने वाले हैं। यह हमारी रिपोर्ट कह रही है। विजयवर्गीय ने सलाह नहीं मानी। कल पोलिंग में उनके टेबल पर बूथ कार्यकर्ता नहीं थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी चुनाव फंसा है। इन्हें तो नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बनाएंगे। पिछली बार भी नहीं बनाया था। पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री शाह इन्हें डंप कर देंगे।
सरकार ने किसानों की जेब काटी
मप्र के चुनाव में महिलाओं का बढ़-चढकऱ हिस्सा लेने और लाड़ली बहना योजना से असर पडऩे के सवाल पर वर्मा ने कहा कि योजना बेअसर रहेगी। जब मतदान प्रतिशत बढ़ता है तो सरकार बदलती है। लाड़ली बहना योजना से कोई फर्क पडऩे की संभावना नहीं है।
महिला को 15 हजार रुपए दे रहे हैं
किसानों की जेब काटने का काम शिवराज की सरकार ने किया है। भारत में 70 प्रतिशत आबादी गांव में है। शिवराज सरकार एक सीजन में किसानों की जेब से 35 हजार निकालकर महिला को 15 हजार रुपए दे रहे हैं।