सफाई और विकास कार्य को छोड़कर कांग्रेसी लूट खसोट करने में मस्तः पूर्व जिला अध्यक्ष

स्वतंत्र समय, मुरैना

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष केदार सिंह यादव ने हाल ही में अपनी ही पार्टी के जिला अध्यक्ष योगेश पाल गुप्ता के खिलाफ जमकर हमला बोला था और उन्हें पद से हटाने तक की मांग कर डाली थी। अब उन्होंने कांग्रेस की महापौर श्रीमती शारदा सोलंकी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेसी सफाई एवं विकास कार्य को छोडक़र निगम की तिजोरी खाली करने में लगे हुए हैं और जनता अपने चयन पर पछता रही है।
श्री यादव ने अपने बयान में कहा है कि निगम के कर्मचारियों के कार्य बन्टन में, भाजपा के पार्षद व वार्डो के साथ महापौर द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। यातायात व्यवस्था हो, खाद्य पदार्थों के दूषित व अपमिश्रित का मामला हो या नगर के मोहल्लो की नालियों, टूटी-फूटी सडक़ों, नाले नालियों की हालत हो या बाजार व आम सडक़ो पर अतिकमण, यह स्थिति बेहद चिन्ताजनक बनी हुई है, क्योंकि कांग्रेसी निगम की लूटखसोट में लिप्त है और जनता की सुख सुविधाओं से बेखबर है। ऊपर से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक का चुनाव कर लिया, जिससे जनता और पछताएगी। श्री यादव ने कहा है कि गत वर्ष नगर निगम के चुनाव में नगर की जनता जनार्दन ने कांग्रेस का महापौर इस आशा से चुना था कि मुरैना नगर को शहर की परिभाषा में लाया जाकर जनता को राहत मिलेगी। भाजपा ने जनता जनार्दन का आदेश सिरमाथे पर लेकर सोचा कि जनता चाहती है कि कांग्रेस जनता की बेहतर सेवा करेगी तो यही सही, लेकिन हमारी व जनता की आशाओं पर कांग्रेस के महापौर खरे नहीं उतरे हैं और मुरैना नगर को नरक बना दिया है। नगर निगम का स्वास्थ, सफाई अमला निकम्मा व वेलगाम होकर अपने हितों में जुटा हुआ है। जनता को खाद्य सामग्री दूषित व अपमिश्रित लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। कांगेस की वजह से मुरैना का विकास रूक गया है, विकास कार्य ठप्प पड़े है।
श्री यादव ने कहा है कि अभी हाल ही में विधानसभा के चुनाव में भी जनता जनार्दन ने कांगेस के विधायक को चुना है, अब महापौर कांग्रेस व विधायक कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि जनता की समस्याओं का निराकरण कराकर राहत दिलावे। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकती। कांगेस के महापौर व विधायक का पुरजोर विरोध ही नहीं, उन्हें मजबूर कर देंगें कि जनता ने आपको चुना है तो नगर की समस्याओं का निराकरण करो या महापौर का दायित्व अगर आप निभा नहीं सकते तो पद से इस्तीफा दे दो।