समाज को एकजुट होकर नदियों को प्रदूषण से मुक्त कराना होगा

स्वतंत्र समय, श्रीधाम

विगत दिवस समीपवर्ती नर्मदा के पावन उत्तर तट स्थित शिव मंदिर नीमखेड़ा मे सप्त दिवसीय श्रीमद भगवत कथा के पंचमदिवस कथा प्रवक्ता राष्ट्रीय धर्माचार्य पूज्य श्री कान्हाजी महाराज ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहाकि नंद उत्सव के पश्चात भी बधाइयां देने का हर्षोल्लास बना रहा तब कंस के आदेश पर पूतना नाम की राक्षसी अपने स्तनों में जहर लगाकर भगवान कृष्ण को मारने आई उसे देखकर भगवान ने नेत्र बंद कर लिए पूतना भगवान को उठाकर आकाश मार्ग में ले गई भगवान ने दूध के साथ पूतना के प्राणों को भी पी लिया और उसका उद्धार कर दिया,प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कान्हाजी महाराज ने बतायाकि भगवान ने अघासुर बकासुर धनु का सुर आदि कई राक्षसों का उद्धार किया माखन चोरी लीला का समाज को संदेश दियाकि पहले अपने परिवार को पुष्ट करें फिर विक्रय करें,चीरहरण लीला के अंतर्गत प्रभु ने समझायाकि जलाशय में कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान ना करें ऐसा करने से जल के देवता वरुण देव का अपमान होता है,यमुनाजी को कालिया नाग के प्रदूषण से मुक्त कराया और यमुना जल को स्वच्छ किया लेकिन आज कई कालिया उत्पन्न हैं जो भारत देश की स्वच्छ नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं।
आज हमारे देश की नदियां प्रदूषित हो गई हैं समाज को एक जुट होकर नदियों को प्रदूषण से मुक्त कराना चाहिए जिससे वह पहले की भांति स्वस्थ हो जाएं,गोवर्धन पर्वत पूजा करवाई श्रीकृष्ण ने ब्रज वासियों से पर्वत पूजा का उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण का यही थाकि प्रकृति की पूजा ही परमात्मा की सच्ची पूजा है महाराजजी ने बतायाकि भगवान कृष्ण का एक नाम वनमाली भी है क्योंकि वह प्रकृति से बहुत स्नेह करते हैं प्रकृति है तो ही संसार है श्री गिरराज महाराज का पूजन किया गया,यह श्रीमद् भागवत कथा मां नर्मदा के परम उपासक स्वर्गीय श्री सुमेरसिंहजी की पुण्यस्मृति में आयोजित है इस कथा के प्रमुख यजमान रामेश्वर पटेल श्रीमति लक्ष्मीबाई व आयोजक मनोज पटेल ने क्षेत्रीय जनता जनार्दन व श्रद्धालु बंधुओ से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ उठाकर पुण्य अर्जित करने की अपील की है।