स्वतंत्र समय, इंदौर
सराफा में सोना-चांदी ढालने का काम करने वाले बंगाली कारीगरों के लिए गैस पाइप लाइन ( gas pipeline ) डालने को मंजूरी मिल गई है। सराफा से 5 किमी दूर रामचंद्र नगर चौराहा से पाइप लाइन डालने का काम शुरू होगा। सराफा क्षेत्र में लाइन पिपली बाजार से धान गली तक डलेगी। इस दायरे में जो रहवासी आते हैं वे भी कनेक्शन ले सकते हैं। इसका काम जल्द ही शुरू होगा। हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड के बाद सराफा की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बाद निगम ने इसे मंजूरी दी। पिछले दिनों इसके लिए बनी कमेटी ने अवंतिका गैस कंपनी की टीम के साथ क्षेत्र का सर्वे किया था। इसमें सराफा चौपाटी और बंगाली कारगीरों को गैस कनेक्शन देने के लिए हर गली, कोने, छोटे-छोटे स्थानों तक निरीक्षण किया। कंपनी ने रिपोर्ट में बताया कि सराफा चौपाटी क्षेत्र में गैस लाइन संभव ही नहीं है। यहां नालियां, ओटले आदि के कारण लाइन नहीं डाली जा सकती।
इन क्षेत्रों में नहीं है gas pipeline से परेशानी
दूसरी तरफ टीम ने मुख्य सराफा बाजार के पीछे, पिपली बाजार, धान गली, मोरसली गली और आसपास के भवनों का भी मुआयना किया। यहां हर फ्लोर पर छोटे कमरों में बंगाली कारीगरों द्वारा सोने की ढलाई की जाती है। यहां कारीगरों द्वारा सालों से घरेलू गैस टंकी का उपयोग किया जा रहा है। टीम ने यहां भी गैस पाइप लाइन (gas pipeline) डालने की संभावनाएं तलाशी। इसमें रहवासी क्षेत्र भी हैं। नीचे से ऊपर तक लाइन डालने में खास परेशानी नहीं है। इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर कमेटी को बताया गया।
फाइनल मैप होगा तैयार
कमेटी अध्यक्ष राजेंद्र राठौर ने बताया कि निगम ने बंगाली कारीगरों व रहवासियों के लिए गैस पाइप लाइन (gas pipeline) को मंजूरी दे दी है। यहां लाइन डालने में व्यावहारिक परेशानी नहीं है। यहां के रहवासी भी इसका लाभ ले सकेंगे। अभी गैस पाइप लाइन रामचंद्र नगर तक है। वहां से सराफा की दूरी 5 किमी है। इसके लिए कंपनी फाइनल मैप तैयारी करेगी। इस दौरान रामचंद्र नगर से सीतला माता बाजार और वहां से सराफा तक जो लाइन डलेगी, इन क्षेत्रों के रहवासी भी कनेक्शन ले सकेंगे।
सराफा में ही 2 हजार से ज्यादा कनेक्शन
एक अनुमान के मुताबिक सराफा में 2 हजार से ज्यादा कनेक्शन संभावित है। इसमें अधिकांश बंगाली कारीगरों के लिए ही होंगे। रामचंद्र नगर से सराफा के बीच 5 किमी में गैस पाइप लाइन (gas pipeline) डलने के बाद संभव है कि कनेक्शन की संख्या चार गुना बढ़े। यहां हजारों दुकानें और मकान हैं। इसकी स्थिति कुछ समय बाद ही स्पष्ट होगी।
फिर भी आधी सुरक्षा ही, चौपाटी से खतरा बरकरार
निगम ने भले ही बंगाली कारीगरों के लिए गैस लाइन की मंजूरी दे दी है, लेकिन इससे सराफा में सुरक्षा पूरी नहीं होगी। सराफा चौपाटी में रोज सैकड़ों सिलेंडर उपयोग किए जाते हैं। कमेटी ने सराफा चौपाटी को शिफ्ट करने की सिफारिश जरूर की है, लेकिन अभी इसमें समय लगेगा। मेयर पुष्यमित्र भार्गव पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की राय लेने की बात कह चुके हैं। बंगाली कारीगरों के लिए गैस लाइन का काम पूरा होने पर भी जब तक यहां चौपाटी का संचालन होगा तब तक खतरा बरकरार रहेगा।