सांता नहीं संतों की भूमि है भारत, तुलसी दिवस के रूप में मनाएंः गिरिराज

स्वतंत्र समय, भिण्ड

भारत राष्ट्र अनादिकाल से संतों से जाना जाता है, ये देश किसी सांता का नहीं संतों का है, इसलिए सभी भारतवासियों को मिलकर सनातन संस्कृति के हिसाब से ही 25 दिसंबर को क्रिसमस-डे मनाकर नहीं, बल्कि तुलसी पूजन कर तुलसी दिवस के रूप में मानना चाहिए। यह बातें परशुराम सर्व ब्राह्मण महासंघ के युवा प्रदेश अध्यक्ष गिरिराज पाण्डेय (राज) ने क्रिसमस डे को लेकर प्रतिक्रिया करते हुए कही।
युवा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोग हाई टेक दिखने के चक्कर में भारतीय परम्पराओं के वजाय पश्चिमी सभ्यताओं को अपना रहे हैं, जबकि पश्चिम देश के लोग भारतीय परम्पराओं को अपना रहे हैं, तुलसी आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। भारत ऋषि-मुनियों का देश है शासकीय, प्राइवेट साहित सभी शिक्षण संस्थानों को भी 25 दिसंबर के दिन बच्चों को जोकर की तरह सजाकर क्रिसमस-डे मनाने की वजाये हमारे आध्यात्मिक धर्म गुरुओं हमारे देश के महापुरुषों के बारे बताना चाहिए और सामूहिक रूप से तुलसी पूजन करवाकर 25 दिसंबर को तुलसी दिवस के रूप में मनाना चाहिए।

जानें तुलसी पूजा का महत्व

हिन्दू धर्म में तुलसी पूजा का बहुत महत्व है, किसी भी शुभ कार्य करने से पहले तुलसी पूजा की जाती है, तुलसी भगवान विष्णु की अतिप्रिय हैं, इसलिए भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी पत्ते का प्रयोग किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है, वहां कभी भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती, हिन्दू धर्म में मान्यता है कि जो लोग तुलसी की पूजा करते हैं। वे मृत्यु के बाद स्वर्ग जाते हैं और उन्हें मोक्ष भी मिलता है। रोज तुलसी के पौधे में जल अर्पित करने व्यक्ति को कोई रोग नहीं होता, इसके अलावा तुलसी के पत्ते का सेवन भी सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। घर में इसे रखने और रोज पूजा करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी तरह की कोई परेशानी जीवन में नहीं आती।

आइये जानते हैं तुलसी पूजन विधि

तुलसी दिवस यानी 25 दिसंबर के दिन सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें, इसके बाद इन्हें नारंगी सिंदूर लगाए, चुनरी ओढ़ाकर विधि विधान से पूजा करें। इस दिन शाम को तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और तुलसी की माला से जाप करें ऐसी मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से तुलसी जी की पूजा करते हैं उनके ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है।