स्वतंत्र समय, इंदौर
शहर के कई क्षेत्रों में यातायात के भारी दबाव से जूझ रहे शहरवासियों के लिए यह राहत की बात हो सकती है कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में फ्लाईओवर और पुल बनाकर यातायात के दबाव को कम करने की कोशिश की जा रहा है। नए साल में अधिकांश फ्लाईओवर शुरू हो जाएंगे। कनाडिय़ा क्षेत्र में खजराना चौराहा पर 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनने वाला फ्लाईओवर भी इसी में से एक हैं। आनंद बाजार, एबी रोड और अन्य स्थानों से आने वाला ट्रैफिक इस चौराहा पर व्यवस्थित हो सकेगा। इस फ्लाईओवर में लगने वाले गर्डर स्टील के हैं और अलग तरीके से फिट किए गए हैं। इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) द्वारा खजराना चौराहा फ्लाईओवर का निर्माण कार्य करवा रहा है। पिछले साल शुरू हुआ काम अब अंतिम पोजीशन में आ गया है। इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग कर इसे पूरा करने का अंतिम समय तय किया गया है। इसे मार्च के पहले पूरा करने का दावा है। जिस गति से काम चल रहा है, उससे तो लगता है कि काम समय से पहले ही पूरा हो जाएगा। भंवरकुआं और खजराना चौराहा के मुकाबले रिंग रोड खजराना पर बन रहा खजराना फ्लाईओवर का निर्माण काफी आधुनिक तकनीक से किया जा रहा है। इंदौर के खजराना चौराहे पर बन रहे 6 लेन फ्लाईओवर ने शहर के यातायात व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाया जा सकेगा।
फ्लाईओवर की विशेषताएं
- लागत लगभग 52 करोड़
- लंबाई 850 मीटर
- कुल छह लेन
- 3-3 लेन के दो हिस्से
- दो हिस्सों में हो रहा तैयार
- 45 मीटर लंबे स्पान
- 15 हजार बोल्ट से कसी गई गर्डर
45 मीटर स्पान लगाएगा
चौराहा पर 45 मीटर लंबा स्पान लगाया जाना है। अंकलेश्वर से बनकर आई गर्डर को आपस में जोड़ा गया। एक गर्डर को जोडऩे में पांच हजार बोल्ट और 20 बाटम ब्रेसिस का उपयोग किया गया। इस पुल में लगने वाले स्टील के गर्डर सीधे अंकलेश्वर स्थित फैक्ट्री से बनकर आए है। इन गर्डर्स को आपस में जोडऩे का कार्य भी पूरा हो गया है और अब बचे हुए गर्डर भी लगाकर उन्हें जोड़ा जा रहा है। एक गर्डर को जोडऩे में चार हफ्ते का समय लगा और इन्हें 15 हजार नट-बोल्ट की सहायता से गर्डर को जोड़ा गया।
डबल प्रेशर से कस रहे बोल्ट
अलग-अलग हिस्से में पहुंचे गर्डर को 45 मीटर लंबाई में जोड़ा गया है। इन गर्डर के एक हिस्से में करीब साढ़े चार सौ नट-बोल्ट का उपयोग हुआ है। बोल्ट को डबल प्रेसर देकर कसा जा रहा है, ताकि वह वाहनों के कंपन से नहीं खुले। 45 मीटर लंबे दो गर्डर को जोडऩे के लिए 3520 बोल्ट का उपयोग हुआ। वहीं 20 बॉटम ब्रेसिस और नो एक्स ब्रेसिस करीब 1500 बोल्ट से कसी जा रही है। दोनों असेम्बली को जोडऩे में लगभग 15 हजार बोल्ट का उपयोग हुआ।
एक भुजा तैयार, दूसरे की तैयारी
अभी काम की गति को देखें तो खजराना चौराहा की भुजा तैयार हो गई है। इसका निर्माण दो भुजाओं में किया रहा है। खजराना की तरफ की भुजा का काम देरी से शुरू हुआ। इसलिए अभी इसके पियर तैयार किए जा रहे है। इस तरफ बनने वाले नो पियर का बेस तैयार हो चुका है। अब इन पियर की केपिंग की जाएगी। इसके बाद पीएससी और स्टील गर्डर की लॉन्चिंग की जाएगी। खजराना चौराहे पर फ्लाईओवर के लिए पावर हाउस की तरफ के पिलर कैप तैयार होने के बाद अब सिग्मेंट लॉन्च की तैयारी शुरू हो चुकी है।
पिलर नहीं, लंबा स्पान लगाया
खजराना चौराहा पर बना फ्लाईओवर दूसरे फ्लाईओवर से थोड़ा अलग है। सामान्यत: फ्लाईओवर या पुल के बीच में चौराहा पर पिलर बनाए जाते हैं, लेकिन इस फ्लाईओवर के लिए चौराहा पर कोई पिलर नहीं बनाया गया है ताकि यातायात बाधित नहीं हो। यहां पिलर के स्थान पर 45 मीटर लंबा स्पान लगाया जाना है। इससे चौराहे पर पिलर की आवश्यकता नहीं होगी और यातायात बहुत ही सामान्य तरीके से चलता रहेगा।