सूतमिल गेट पर चस्पा किया काम बंद करने का सूचना पत्र, श्रमिकों ने जताई नाराजगी

स्वतंत्र समय, खरगोन

शहर के जुलवानिया रोड़ पर संचालित हो रही जवाहर लाल नेहरु एग्री प्रोडयूस सोसायटी मर्यादित खरगोन (सुतमिल) बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। यहां आर्थिक मंदी का हवाला देकर शुक्रवार से श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखा गया है, जिसके नाराज श्रमिकों ने सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक जुलवानिया रोड स्थित मिल के बाहर प्रदर्शन के बाद नाराज श्रमिक कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि सूतमिल प्रबंधन मनमाने तरीके से श्रमिको को बाहर का रास्ता दिखा रहा है। बिना पूर्व सूचना के प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है, इसके साथ ही पिछले दो माह से न तो वेतन मिला न ही दीपावली पर बोनस जो श्रम नियमों के खिलाफ है। रोहित पाटीदार, मयाराम दुधे, रणजीत पंवार, गजानंद कुशवाह, भागीरथ अवारे, राहुल सोहनी, राजेश राठौड, रामेश्वर साठे आदि ने शिकायती आवेदन में आरोप लगाया कि संस्था में 200 ट्रक धागे का प्रोडक्शन किया गया है, इससे मिली राशि से संस्था तो मुनाफे में चल रही है, लेकिन यह राशि संस्था के प्रोडक्शन में खर्च न करते हुए किसी अन्य संस्था में खर्च कि गई। इस मामले की आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराई जाना चाहिए, जिससे ओर भी चौंकाने वाले मामले उजागर हो सकते है। जबकि जनरल मैनेजर राजेंद्र जवादे का कहना है कि कपास उद्योग में आर्थिक मंदी और यार्न बाजार में मांग नही होने से सुतमिल घाटे में चल रही है, इसलिए फिलहाल प्रोडक्शन रोक दिया गया है।