स्वतंत्र समय, सागर
स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय द्वारा शनिवार को स्वामी विवेकानंद जी के विचार दर्शन विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का स्वागत भाषण संस्था के संस्थापक कुलपति डॉ अनिल तिवारी द्वारा दिया गया।
उन्होंनेे कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत में पैदा हुए महापुरुषों में से एक हैं अपने महान कार्यों द्वारा स्वामी जी ने पाश्चात्य जगत में सनातन धर्म, वेदों तथा ज्ञान शास्त्रों को काफी ख्याति दिलाई और विश्व भर में लोगो को अमन व भाई चारे का सन्देश दिया। स्वामी जी के जीवन से हमें यह सीख मिलती है की लम्बे समय तक लोगों के दिलों में जीवित रहने के लिए आयु का लम्बा होना अनिवार्य नहीं है, स्वामी जी ने इतनी अल्प आयु में इतने महान विचार रखते हुए महान कार्य किए की आज भी वे हमारे बीच जीवित समान हमारे प्रेरणाश्रोत हैं। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पुणे से आए प्रो. प्रशांत लेले प्राध्यापक मुक्त औधौगिक प्रशिक्षक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी जैसे महापुरुष सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं जो अपने जीवन के बाद भी लोगों को निरंतर प्रेरित करने का कार्य करते हैं, यदि हम उनके बताये हुए मार्गों पर चलते हैं और उनकी बातों पर अमल करते हैं तो हम समाज से हर तरह की कट्टरता और बुराई को दूर करने में सफल होंगे, स्वामी जी का जीवन हम सबके लिए एक सीख है, उनके प्रेरणादायक भाषणों का आज भी देश के युवाओं द्वारा अनुशरण किया जाता है। कार्यक्रम में संस्था के उप कुलपति डॉ नीरज तोपखाने, अभिषेक जैन, अन्तिमा शर्मा, डॉ बीव्ही तिवारी, डॉ ममता सिंह, डॉ सुनीता दीक्षित, डॉ उमेश मिश्रा, डॉ संजय चौहान, गोविन्द सिंह राजपूत, शैलवाला वैरागी, मिथुन डावर, सुनील विश्वकर्मा, डॉ आशीष यादव आदि उपस्थित रहे।