होम्योपैथिक स्टूडेंट्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल पांचवें दिन भी रही जारी

स्वतंत्र समय, भोपाल

विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को चौतरफा विरोध का सामना करना पड़ रहा है। किसान, नौजवान, शिक्षक, वकील, डॉक्टर से लेकर नर्सिंग और होम्योपैथिक स्टूडेंट्स भी सडक़ों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी भोपाल में होम्योपैथिक छात्र – छात्राओं का अनिश्चितकालीन धरना पिछले 5 दिनों से जारी है। मंगलवार को होम्योपैथिक स्टूडेंट्स के समर्थन में एनएसयूआई मेडिकल विंग भी मैदान में आ गई। एनएसयूआई नेता रवि परमार ने कहा कि यदि इनकी मांगें जल्द नहीं मानी जाएंगी तो हम राजभवन घेराव करेंगे।

पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी हैं। नर्सिंग स्टूडेंट्स पिछले तीन वर्षों से परीक्षाएं आयोजित नहीं होने के कारण परेशान हैं। वहीं, होम्योपैथिक स्टूडेंट्स नियमित भर्तियां करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। भविष्य के होम्योपैथिक डाक्टर अपनी जायज मांगों को लेकर भोपाल में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। पिछले 5-6 दिन से हड़ताल पर बैठे होम्योपैथिक छात्र – छात्राओं और इंटर्न डाक्टरों को अब एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया। उनकी प्रमुख मांगों में नवीन डिस्पेंसरीज, नवीन पदों का सृजन, स्टाइपेंड, शैक्षणिक शुल्क, शैक्षणिक गतिविधियां एवं चिकित्सकीय अवकाश देना शामिल हैं ।

रवि परमार ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब से चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले प्रदेश के एक मात्र शासकीय विश्वविद्यालय में अयोग्य और घोटालेबाज कुलपति अशोक खंडेलवाल को बैठाया गया है, तब से विश्वविद्यालय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही लाखों छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। विश्वविद्यालय में आए दिन नये-नये घोटाले उजागर हों रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं की ना परीक्षा समय पर हो पा रही ना ही डिग्री समय पर मिल रही हैं। परमार ने हड़ताली छात्र छात्राओं की जायज मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को तत्काल सभी मांगों को पूरी करनी चाहिए। परमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो एनएसयूआई मेडिकल विंग राजभवन घेराव करने को मजबूर होगी। परमार ने यह भी कहा कि वे कांग्रेस नेताओं से मिलकर होम्योपैथिक स्टूडेंट्स की समस्याओं को रखेंगे और कांग्रेस सरकार आते ही उनकी मांगें पूरी हो इस दिशा में कार्य करेंगे ।

ये हैं होम्योपैथिक स्टूडेंट्स की मांगें

मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत लोक सेवा आयोग द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के लिए प्रतिवर्ष नवीन पदों को सृजित किया जावे एवं मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न निकाय (नगरनिगम, पुलिस विभाग, वनविभाग, जेल विभाग इत्यादि) में प्रतिवर्ष नियमित भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर परीक्षा आयोजित कराई जाये। मप्र के होम्योपैथिक के प्रशिक्षुओं, गृह चिकित्सकों तथा स्नातकोत्तर अध्येताओं को दी जाने वाली शिष्यवृति में वृद्धि कर अन्य विभागों की तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़, प्रतिवर्ष वृद्धी हो। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्येताओं की परीक्षा एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों की विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक कैलेंडर अनुसार पूर्ण किया जाय। सत्र 2018-19 एवं 2019-20 की विलंब से चल रही शैक्षणिक गतिविधियां समय से पूर्ण कराई जाये। प्रदेश के होम्योपैथिक स्नातकोत्तर अध्येताओं को अन्य राज्यों कि तरह उचित सवेतन चिकित्सीय अवकाश प्रदान किया जाए।