10 लाख श्रद्धालु पहुंचे चित्रकूट, दीपोत्सव में जगमगाएँ मंदाकिनी तट और कामदगिरि

चित्रकूट दीपोत्सव का भव्य शुभारंभ हो चुका है, जिसमें पहले दिन ही लगभग 10 लाख श्रद्धालु चित्रकूट पहुंच चुके है। मंदाकिनी तट और कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुगम और सुव्यवस्थित व्यवस्थाएं की गई हैं। पूरा नगर रोशनी से जगमगा रहा है।

पांच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी चित्रकूट में पांच दिवसीय दीपोत्सव का भव्य शुभारंभ शनिवार को हुआ। पहले दिन ही लगभग 4 लाख श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे और श्री कामदगिरि की परिक्रमा में शामिल हुए। जिनकी संख्या 10 लाख के करिब पहुंच गई है। अधिकारियों के अनुसार, अगले पांच दिनों में देशभर से लगभग 30 लाख श्रद्धालु दीपोत्सव में सम्मिलित होकर राजाधिराज मत्यगजेंद्र का जलाभिषेक करेंगे।

भीड़ प्रबंधन में जुटा प्रशासन
वर्ष 2025 का दीपोत्सव दशकों बाद भव्य रूप से मनाया जा रहा है। जिसके चलते चित्रकूट को अत्यंत भव्य रूप में सजाया गया है। मंदाकिनी नदी के तटों को अत्याधुनिक लाइटिंग और विजुअल इफेक्ट्स से रोशन किया गया। कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुगम और सुव्यवस्थित व्यवस्थाएं की गई हैं।

कमांड सेंटर स्थापित
दीपोत्सव के पहले दिन कलेक्टर और एसपी हंसराज सिंह ने विकास प्राधिकरण स्थित कमांड सेंटर से सीसीटीवी के माध्यम से भीड़ प्रबंधन की निगरानी की। इसको लेकर अपर कलेक्टर विकास सिंह भी निरीक्षण में शामिल रहे। यह पहली बार है जब मेला क्षेत्र में कमांड सेंटर स्थापित किया गया है, जिससे आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

सीएम होंगे शामिल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को चित्रकूट पहुंचकर कामदगिरि परिक्रमा में सम्मिलित होंगे। प्रशासन ने इस अवसर पर सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया है। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पूरे मेला क्षेत्र को 11 जोनों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जोन में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तैनात हैं। एएसपी (ग्रामीण) प्रेमलाल कुर्वे के नेतृत्व में लगभग डेढ़ हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक उल्लास
धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह से भरपूर इस मेले ने चित्रकूट को एक बार फिर देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया है। मंदाकिनी तट और कामदगिरि की जगमगाती रोशनी ने श्रद्धालुओं के दिलों में भक्ति और आनंद की भावना उत्पन्न कर दी।

भगवान  राम ने यहां बिताएं थे 11 वर्ष
चित्रकूट में दीपोत्सव का काफी विशेष महत्व माना गया है. क्योंकि लंका विजय के बाद प्रभु श्री राम रामघाट के तट में आए थे.जहां उनके स्वागत के लिए दीपदान किया गया था. माना जाता है आज भी दीपावली के पर्व में श्री राम चित्रकूट आते हैं.