मध्यप्रदेश के 20 जिलों में लगे 10 लाख स्मार्ट मीटर, भोपाल में भी 35 हजार का आंकड़ा हुआ पार

मध्यप्रदेश के 20 जिलों में अब तक 10 लाख स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाए जा चुके हैं, जबकि भोपाल में 35 हजार स्मार्ट मीटर विभिन्न परिसरों में लगाए गए हैं। इन स्मार्ट मीटरों के कार्यान्वयन का निरीक्षण करने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव शशांक मिश्रा रविवार को भोपाल पहुंचे। स्मार्ट मीटर परियोजना का उद्देश्य बिजली आपूर्ति और उपभोग को बेहतर ढंग से प्रबंधित करना है, जिससे उपभोक्ताओं को सही समय पर बिजली बिल प्राप्त हो और ऊर्जा की बचत की जा सके।

निरीक्षण के दौरान उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के फायदों के बारे में जानकारी दी गई और साथ ही एक मोबाइल एप भी इंस्टॉल करवाया गया, जिससे उपभोक्ता अपनी बिजली खपत और बिल की जानकारी आसानी से देख सकें। इस मौके पर कंपनी के निदेशक (वाणिज्य) सुधीर कुमार श्रीवास्तव, महाप्रबंधक (शहर) बीबीएस परिहार सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे। स्मार्ट मीटर और मोबाइल एप के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली प्रबंधन में सुविधा मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव शशांक मिश्रा ने भोपाल के दानिशकुंज और विराशा हाइट्स में उपभोक्ताओं के परिसरों में लगाए गए स्मार्ट मीटरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्मार्ट मीटरों की कार्यप्रणाली का बारीकी से अवलोकन किया और उपभोक्ताओं से बातचीत कर उन्हें स्मार्ट मीटर के लाभ समझाए। साथ ही, उन्होंने उपभोक्ताओं को मोबाइल एप इंस्टाल करने के लिए प्रेरित किया, जिससे वे अपनी बिजली खपत और बिलिंग की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकें।

संयुक्त सचिव शशांक मिश्रा ने उपभोक्ताओं को बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने से कई लाभ मिलेंगे, जैसे:

1. सुरक्षा निधि में छूट: उपभोक्ताओं को सुरक्षा निधि से राहत मिलेगी।
2. पहला रिचार्ज: पहले से जमा सुरक्षा-राशि से पहला रिचार्ज संभव होगा।
3. टैरिफ छूट: घरेलू और गैर-घरेलू (व्यावसायिक) बिलों पर 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी।
4. अन्य शुल्कों में छूट: ऊर्जा-प्रभार से जुड़े अन्य शुल्क, जैसे विद्युत-शुल्क, टीओडी सरचार्ज, और पावर फैक्टर सरचार्ज, घटे हुए दर पर गणना किए जाएंगे।
5. भुगतान पर छूट: हर भुगतान पर बिल राशि का 0-5% (न्यूनतम 5 रुपये) की छूट मिलेगी।
6. घरेलू श्रेणी में छूट: घरेलू श्रेणी में इस छूट की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी, जबकि अन्य श्रेणियों में अधिकतम सीमा 20 रुपये होगी।

इन सुविधाओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली प्रबंधन में आसानी होगी और आर्थिक लाभ भी प्राप्त होंगे।

शशांक मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट मीटरों की एक और विशेषता यह है कि बैलेंस खत्म होने के बाद उपभोक्ता अगले तीन दिनों तक बिना कनेक्शन काटे रिचार्ज करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता मोबाइल एप के माध्यम से निम्नलिखित सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे:

1. रियल टाइम जानकारी: विद्युत-भार (लोड) की हर 15 मिनट में रियल टाइम जानकारी मिलेगी।
2. विद्युत खपत और प्रभार: उपभोक्ता अपनी विद्युत खपत और संबंधित विद्युत प्रभार की जानकारी आसानी से देख सकेंगे।
3. बैलेंस राशि की दैनिक जानकारी: बैलेंस राशि की प्रतिदिन की जानकारी प्राप्त होगी।
4. मीटर रीडिंग की गड़बड़ी: मीटर रीडिंग में किसी भी गड़बड़ी की समस्या का समाधान करना सरल होगा।
5. बिजली आपूर्ति में व्यवधान: विद्युत लाइनों, वितरण ट्रांसफार्मर, और बिजली आपूर्ति में व्यवधान की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकेगा।

इसके अलावा, भविष्य में सोलर रूफ टॉप कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को नए मीटर या मॉडेम खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे लागत में कमी आएगी और सुविधाओं में वृद्धि होगी।