एमपी में पेपर लीक पर 10 साल की होगी सजा, लगेगा 1 करोड़ जुर्माना

नीट पेपर लीक की चर्चाओं के बीच मध्य प्रदेश में अब भर्ती परीक्षा हो या बोर्ड का पेपर, किसी भी परीक्षा में पेपर लीक रोकने के लिए सरकार कड़क कानून ला रही है। फिलहाल इसका अध्यादेश लागू हो सकता है। इसमें परीक्षा केंद्र, सर्विस प्रोवाडर कंपनी या कोई व्यक्ति जो पेपर लीक व किसी गड़बड़ी में शामिल पाया जाता है तो उसकी सीधे जवाबदारी मानी जाएगी।

इसमें एक करोड़ रुपए का जुर्माना और दस साल की सजा होगी। आरोपी की प्रॉपर्टी भी जब्त की जाएगी। एक्ट का प्रारूप तैयार हो गया है। इसे परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा गया है। सरकार की कोशिश थी कि इसे मौजूदा विधानसभा सेशन ही लाया जाए, लेकिन अब इसे सेशन के बाद अध्यादेश के माध्यम से लागू किए जाने की तैयारी है।

स्कूल शिक्षा विभाग तैयार कर रहा ड्राफ्ट

एक्ट के प्रारूप बनाने का कार्य स्कूल शिक्षा विभाग को दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले नकल रोकने व कार्रवाई से जुड़े नियम भी स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से ही लागू किए गए थे। विभाग ने पहले एक्ट को लगभग बना लिया था। वरिष्ठ सचिव स्तर की कमेटी में भी इस पर बातचीत भी हो गई थी, लेकिन बातचीत में केंद्र सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा बिल का नोटिफिकेशन करके सभी राज्यों को भेज दिया। साथ ही कहा कि इसी को आधार बनाकर राज्य अपने सख्त कानून बनाएं। अब मप्र भी अपना नया व सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसमें केंद्र सरकार के भी तमाम प्रावधानों को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा मप्र की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भी कई खास प्रावधान किए गए हैं।