स्वतंत्र समय, भोपाल
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भोपाल के एमपी-एमएलए कोर्ट ने आगर-मालवा से कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े और युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी के अलावा अन्य 4 लोगों को एक साल की सजा सुनाई है। यह सजा 12 साल पुराने धरना प्रदर्शन के मामले में सुनाई है। विधायक वानखेड़े के अलावा इस मामले में कोर्ट ने युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी समेत कुल 6 लोगों को दोषी करार दिया है और एक साल की सजा सुनाई। अदालत ने सभी छह आरोपियों पर 2 – 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला साल 2011 का बताया जा रहा है। तब विपिन वानखेड़े और विवेक त्रिपाठी एनएसयूआई कार्यकर्ता थे। वानखेड़े बाद में विधायक बने। उन्होंने मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर विधानसभा घेराव का ऐलान किया था। भोपाल के जहांगीराबाद इलाके से होते हुए विपिन वानखेड़े और विवेक त्रिपाठी सैंकड़ों छात्रों को लेकर जब विधानसभा कूच कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया था। युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि हम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे, हमें पूर्ण विश्वास है कि उच्च न्यायालय से हमें इंसाफ मिलेगा। त्रिपाठी ने बताया कि भाजपा सरकार के दबाव में पुलिस ने उनके ऊपर झूठा प्रकरण दर्ज किया था। वानखेड़े और त्रिपाठी के अलावा जिन चार अन्य लोगों को सजा हुई है, उनमें संजय वर्मा, विकास नंदवाना, महक नागर व गौरव उईके के नाम शामिल हैं। ये सभी कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयुआई के तत्कालीन पदाधिकारी हैं। सभी आरोपियों को अदालत द्वारा जमानत दे दी गई है।