स्वतंत्र समय, अयोध्या
अयोध्या में लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन और श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बनकर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। ऐसे मौके पर अयोध्या में सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस-प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। लिहाजा चप्पे-चप्पे पर कड़ी नजऱ रखी जा रही है। रामभक्तों की भीड़ को कंट्रोल करने और सुरक्षा-व्यवस्था में किसी भी तरह की चूक को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
12000 सुरक्षाकर्मी तैनात
22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन से पहले अयोध्या में सुरक्षा स्तर बढ़ा दिया गया है। संदिग्ध सुरक्षा उल्लंघन के इनपुट के बाद गृह मंत्रालय की ओर से अलर्ट भी जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अयोध्या और उसके आसपास लगभग 12000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। 10000 सीसीटीवी लगाए गए हैं। साथ ही सुरक्षा उल्लंघन और इससे जुड़े खतरों पर नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के लॉ एंड ऑर्डर के डायरेक्टर जनरल प्रशांत कुमार ने बताया, गृह मंत्रालय ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले साइबर खतरे से निपटने के लिए एक हाई लेवल साइबर एक्सपर्ट टीम को अयोध्या भेजा है।
इंटिग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाए गए
अधिकारी ने कहा कि इंटिग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां अलग-अलग एजेंसियां रियल टाइम के आधार पर कथित खतरों की मॉनिटरिंग कर रही हैं।
पहली बार एआई का होगा इस्तेमाल
यह पहली बार होगा कि सुरक्षा एजेंसियां संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने और बदमाशों पर नजऱ रखने के लिए एआई मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल करेंगी।
मंदिर के आसपास 400 कैमरे
प्रशांत कुमार ने बताया कि हमने अयोध्या शहर और उसके आसपास लगभग 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इनमें से लगभग 400 मंदिर के आसपास और येलो जोन में हैं। येलो जोन वह जगह है, जहां हम पहली बार संदिग्ध चेहरे की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं। एआई की मदद के लिए उत्तर प्रदेश के आपराधिक डेटाबेस को पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।