15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा पीडब्ल्यूडी का ईई

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के ईई पीके गुप्ता को लोकायुक्त ने 15 हजार रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ा है। उन्होंने भिंड कलेक्टर के बंगले में रेनोवेशन (इलेक्ट्रिक फिटिंग) का बिल पास करने 70 हजार रुपए मांगे थे। 55 हजार रुपए पहले ले चुका था शेष 15 हजार के लिए ठेकेदार को बार-बार परेशान कर रहा था। मंगलवार शाम मेला ग्राउंड में ठेकेदार को रुपए लेकर आने के लिए कहा था। ठेकेदार ने जैसे ही स्कॉर्पियो सवार श्वश्व को रिश्वत के 15 हजार रुपए दिए तभी लोकायुक्त ने उसकी कलाई थाम ली। इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए उसे मेला परिसर में बने ट्रैफिक थाना में ले जाया गया। कुछ देर तक श्वश्व ब्लड प्रेशर हाई होने की बात भी कही। लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
शहर के गदाईपुरा निवासी महेन्द्र सिंह बैस ठेकेदार हैं। वह लोक निर्माण विभाग में ठेके लेते हैं। करीब एक साल पहले कलेक्टर भिंड के बंगले पर रेनोवेशन काम किया था। जिसमें इलेक्ट्रिकल फिटिंग की गई थी। इस काम का करीब 3 लाख रुपए बिल बना था, जिसे एक साल से पीडब्ल्यूडी विभाग के ईई पीके गुप्ता ने रोक रखा था। इन पर अभी ्रश्व का भी चार्ज है। दीपवाली के कुछ दिन पहले ठेकेदार को एई ने कॉल किया था। उन्होंने बिल का 25 प्रतिशत करीब 75 हजार कमीशन मांगा था और बिल पास करने की बात कही थी। इस पर ठेकेदार ने काफी समझाया था कि 3 लाख रुपए के बिल में 75 हजार रुपए बहुत बड़ी राशि है, लेकिन ईई गुप्ता 70 हजार रुपए से नीचे नहीं आ रहा थ। त्योहार के चलते ठेकेदार को भी जरुरत थी। जिस पर 70 हजार रुपए में बात तय होने पर दीपावली से पहले ठेकेदार ने अपने बेटे के हाथ से 55 हजार रुपए ईई के बलवंत नगर स्थित घर पर पहुंचाए थे। इसके बाद अभी दो दिन से ईई पीके गुप्ता बार-बार फोन कर 15 हजार रुपए के लिए परेशान कर रहा था। ठेकेदार की बेटी की तबीयत ठीक नहीं है यह बात भी उसे बताई, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं था। जिस पर ठेकेदार ने उसे सबक सिखाने के लिए लोकायुक्त एसपी से मामले की शिकायत की।

ऑडियो रिकॉर्ड किया फिर रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ा

लोकायुक्त में शिकायत के बाद ठेकेदार को ऑडियो डिवाइस दी गई जिसमें उसने पीके गुप्ता से 15 हजार को लेकर फिर बातचीत की। इसके बाद मेला ग्राउंड में यह रुपए देना तय हुआ था। शाम को पीके गुप्ता अपनी स्कॉर्पियो कार से मेला ग्राउंड पहुंचा था। जैसे ही ठेकेदार ने उसे रुपए दिए तो वह हाथ में गिनने के बाद जेब में रख ही रहा था कि तभी लोकायुक्त पुलिस के अफसरों ने उसे घेर लिया और रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। लोकायुक्त नाम सुनते ही कार्यपालन यंत्री के होश उड़ गए और वह समझ गया कि अब वह बुरा फंस गया है। इसके बाद उसे ट्रैफिक थाना मेला परिसर में ले जाकर लोकायुक्त ने आगे की कार्रवाई की है।