दतिया पीजी कॉलेज के 150 युवा बन रहे हैं आपदा मित्र

दतिया,जिले में आपदा से निपटने के लिए जिला होमगार्ड आपदा मित्र योजना के अंतर्गत 20 फरवरी से 3 मार्च 2033 तक होमगार्ड ग्राउंड दतिया में 150 युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा है। प्रशिक्षण में जिले में बाढ़ ,अतिवृष्टि, भूकंप, खेतों में लगने वाली नरवाई की आग आदि सम्भावित आपदा पर संकट की घड़ी में जिले के शासकीय पीजी कॉलेज के 150 युवा आपदा मित्र बन आम जन के जीवन रक्षार्थ हेतु अपना योगदान देंगे।

शासकीय पीजी कॉलेज के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर संजय सिंह चौहान ने बताया कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी द्वारा देशभर में आपदा मित्र योजना के तहत आपदा मित्र बनाने का प्रशिक्षण डिस्टिक होमगार्ड विभाग के द्वारा दिया जा रहा है। जिसमे शासकीय पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर डीआर राहुल जी के मार्गदर्शन में कॉलेज से 150 समाज सेवाभाव रखने वाले युवाओं का चयन किया गया है। डॉक्टर संजय सिंह ने बताया की डिस्टिक होमगार्ड कमांडेंट जितेंद्र त्रिपाठी के निर्देशन में चलने वाले इस प्रशिक्षण में जिला एनसीसी अधिकारी डॉक्टर शिवारमन पांडे एवं पूर्व एनसीसी अधिकारी डॉक्टर सुधीर पांडे का विशेष योगदान है।

इसमें आपदा मित्र का चयन कर उन्हें बाढ़ आपदा भूकंप आगजनी जैसे हालातों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में होमगार्ड अधिकारियों एवं जिले के विभिन्न विभागों के विषय विशेषज्ञों द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसी तारतम्य में कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर संजय सिंह चौहान ने प्रशिक्षणार्थियों से उनके प्रशिक्षण के विषय में अनुभव प्राप्त कर मार्गदर्शन प्रदान किया।

क्या है आपदा मित्र योजना
इस योजना के तहत संपूर्ण देश में 350 जिलों में तथा संपूर्ण मध्यप्रदेश में केवल 11 जिलों में इस योजना के द्वारा आपदा मोचन के लिए एक लाख पूर्ण-रूपेण स्वस्थ स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाना है।प्रत्येक प्रशिक्षित सामुदायिक स्वयंसेवक को एक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण आपातकालीन कार्रवाई किट के साथ ही जीवन और चिकित्सा सुविधा को कवर करने वाला समूह बीमा उपलब्ध कराया जाएगा जिला / ब्लॉक स्तर पर आवश्यक ‘प्रकाश खोज और बचाव उपकरणों’,प्राथमिक चिकित्सा सहायता किट आदि का ‘सामुदायिक आपातकालीन अनिवार्य संसाधन रिजर्व’ का सृजन किया जाएगा।

इस योजना की अवधि दिसंबर 2023तक 3 वर्ष की है। योजना के तहत सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से बाढ़, चक्रवात,भूस्खलन और भूकंप के प्रति संवेदनशील 350 जिले शामिल किए गए हैं।