22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी अटैक के बाद भारत ने इसका मुँह तोड़ जवाब देते हुए है,”ऑपरेशन सिन्दूर” को अंजाम दिया था।जिसमे 9 आतंकी ठिकानो को टारगेट बनाया गया था और उन ठिकानो को ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद सिन्दूर शब्द केवल एक शब्द नहीं रहा बल्कि करोड़ो भारतीयों के लिए एक इमोशन बन गया है। ऐसे में यूपी के कुशीनगर जिले से एक अनोखा किस्सा देखने को मिला जिसमे 17 नवजात लड़कियों का नाम ऑपेरशन सिन्दूर से प्ररित होकर “सिंदूर” रखा गया है ।
इसकी जानकारी “कुशीनगर मेडिकल कॉलेज” के प्रिंसिपल डॉ. आरके शाही ने दी। दरअसल सोमवार को एक इंटरव्यू के दौरान उन्हीने बताया की 10 से 11 मई के बीच जन्मी लड़कियों का नाम उनके परिवारों द्वारा सिन्दूर रखा गया है ।
जानिए परिजनों ने इस पर की कहा
कुशीनगर के निवासी अर्चना शाही ने अपनी नवजात बेटी का नाम सिंदूर रखने का फैसला लिया है। उनका कहना है की सिंदूर सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक भावना है। साथ ही उन्होंने कहा की यह हमारे लिए बलिदान और साहस का भी प्रतीक है।उनके पति अजीत शाही ने बताया कि बेटी के जन्म से पहले ही उन्होंने यह नाम सोच लिया था।
इसी तरह पडरौना के मदन गुप्ता का कहना है कि उनकी बहू काजल गुप्ता भी अपने नवजात शिशु का नाम सिंदूर रखना चाहती थीं। साथ ही उन्होंने बताया की ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक दिन बन गया है, जिसे वे अपने परिवार में नाम के माध्यम से जीवित रखना चाहते हैं।
भठही बाबू गांव के व्यासमुनि ने भी अपनी बेटी का नाम सिंदूर रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा,जब उनकी बेटी बड़ी होगी, तो वह इस नाम के पीछे की भावना को समझेगी और खुद को एक कर्तव्यनिष्ठ भारतीय महिला के रूप में स्थापित करेगी।
ये कदम समाज के लिए आने वाले समय में मिल का पत्थर साबित होगा।जिससे हर भारतीय उस समय मे हुए घटना क्रम को कभी नहीं भूल पायेगा। ये दर्शाता है की सिंदूर केवल सजने सवरने की चीज नहीं है बल्कि ये राष्ट्र के लिए गौरव का प्रतिक भी है।