18 सितंबर को ओंकारेश्वर में होगा एकात्मता की मूर्ति का अनावरण, प्रमुख संतों को दिए गए कार्यक्रम संबंधी दायित्व

ओंकारेश्वर, मध्यप्रदेश : नर्मदा क्षेत्र में ओंकारेश्वर सर्वश्रेष्ठ तीर्थ है। मान्यता है कि कोई भी तीर्थयात्री देश के भले ही सारे तीर्थ कर ले किन्तु जब तक वह ओंकारेश्वर आकर किए गए तीर्थों का जल लाकर यहाँ नहीं चढ़ाता उसके सारे तीर्थ अधूरे माने जाते हैं। अब इस तीर्थ स्थल को एक नया रूप दिया जा रहा है। बता दे कि, 18 सितंबर को ओंकारेश्वर में एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा, जिसमें एकात्मता की मूर्ति (Statue of Oneness) का अनावरण किया जाएगा। इस अद्वैत लोक के इस अनुष्ठान में प्रमुख संतों को कार्यक्रम संबंधी दायित्व दिए गए हैं।

ओंकारेश्वर में 11 से 19 सितंबर तक, मंधाता पर्वत पर, उत्तरकाशी के स्वामी ब्रह्मेन्द्रानंद तथा 32 सन्यासियों द्वारा प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण आयोजित किया जा रहा है। जिसमे मुख्य आयोजन आज 15 से 19 सितंबर तक, मंधाता पर्वत पर, दक्षिणाम्नाय श्रंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद प्रतिष्ठान द्वारा देश के लगभग 300 विख्यात वैदिक आर्चकों द्वारा वैदिक रीति से पूजन तथा 21 कुण्डीय हवन का आयोजन होगा।

18 सितंबर को, दक्षिणाम्नाय श्रंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद प्रतिष्ठान उज्जैन / आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के द्वारा एकात्मता की मूर्ति का अनावरण एवं अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला पूजन किया जाएगा। साथ ही सिद्धवरकूट पर, आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के द्वारा ब्रह्मोत्सव- संत मनीषियों एवं विशिष्टजनों का समागम (लगभग संख्या 5000) का आयोजन भी होगा।

वहीं 18 सितंबर को मंधाता पर्वत पर, महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद प्रतिष्ठान उज्जैन / स्वामी ब्रह्मेन्द्रानंद तथा 32 सन्यासियों (उत्तरकाशी) द्वारा, – प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण की पूर्णता ताथ हवन की पूर्णाहुति।