H3N2 से हुई 2 लोगो की मौत, लगातार बड रहे है मामले,यह है लक्षण, ऐसे करे बचाव

भारत में H3N2 के लगातर मामले बड रहे है, अब तक इसे 2 लगो की मौत हो चुकी है, कमजोर लोग बूढ़े और बच्चो को है इसे ज्यादा खतरा.

भारत में फिर हो सकती है मास्क की वापसी. जी हां भारत में लगातार H3N2 के मामले बड रहे है. जिसे हांगकंग फ्लू भी कहते है. तेज़ी से बड रहे इस वायरस से अब तक भारत में 2 लोग की मौत हो चुकी है. दोनों पेशेंट करनाटक और हरियाणा के थे. वही देशभर में इस H3N2 वायरस के अब तक 90 केस मिले है. इस वायरस के चलते लगातार हॉस्पिटल में मरीजो की तादाद बड रही है. बदलते मौसम के साथ ही H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस लोगो में तेज़ी से फ़ैल रहा है. बताया जा रहा है की इस से बचने के लिए मास्क पहनना जरुरी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस बीमारी में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से परहेज़ की सलाह दी है. 

डॉ अनिल गोयल के मुताबिक इस H3N2 वायरस का पहला लक्षण बुखार है. यह बुखार तिन दिन तक आपके शरीर में रहेगा और इसका तापमान 102 डिग्री से ज्यादा हो सकता है. इस वायरस के चलते आपको तिन हफ्तों तक लंबी खासी के साथ-साथ नाक बहना, कमजोरी आने जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते है. इस दौरान एंटीबायोटिक का इस्‍तेमाल वर्जित है. एंटीबायोटिक इस वायरल डिजीज में फायदा नहीं करेगी और एंटीबायोटिक रेजिस्‍टेंट डेवलप हो जाएगा.” 

सांस रोग विशेषज्ञ का कहना है की 10 से 15 % मरीज को यह बीमारी का खतरा ज्यादा होता है, वही कुछ मरीजो में इसके लक्षण कम देखने को मिलते है. विशेषज्ञ डॉक्टरो का कहना है की इस वायरस से पीड़ित ज्यादातर मरीजो को हल्का बुखार है. इस दौरान मरीजो को सिर्फ पेरासिटामोल ही लेना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए और खुद को आइसोलेट रखना चहिये, ताकि यह वायरस बाकि लोगो में ना फैले. आम तौर पर यह बीमारी 5 से 7 दिन में ठीक हो जाती है. पर कुछ मरीज ऐसे होते है, जिन्हे पहले से कई बीमारिया होती है, जिसकी वजह से यह वायरस उन लोगो के लिए खतरा बन जाता है इस वायरस से बच्चो और बुढो को भी ज्यादा खतरा है. बताया जाता है की कोरोना और इन्फ्लूएंजा के लक्षण एक जैसे है. देश भर में कोरोना के मामले 3100 से ज्यादा है.

इस वायरस से बचने के लिए क्या करे-

भीड़- भाड़ वाली जगहों में जाने से बचे, हाथो को साफ रखे, मास्क का उपयोग करे, सर्दी-खासी होने पर नाक और मुह को अवश्य ढंके, आख और मुँह को बार-बार न छुए, तरल पदार्थो का सेवन करे, बुखार होने पर पैरासिटामोल का सेवन करे. सार्वजनिक स्थानों पर ना थूके, साथ बैठकर खाना ना खाए, बिना डोक्टर के परामर्श के कोई भी दवाई ना ले.

जान ले यह भी बात-

वायरस के लक्षण दिखने पर बिलकुल भी ना घबराए, डॉक्टर की सलाह ले. इस वायरस से अधिकतर मरीज ठीक हो जाते है. कम क्षमता वाले मरीजो को इस वायरस से ठीक होने में समय लगता है.